निवेश को प्रोत्साहित करने के बजाय अब एमपीआईडीसी करने लगा जमीनों का कारोबार, अन्य शुल्क भी बढ़ाए
एकेवीएन का किया गया मर्जर इंदौर और पीथमपुर जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र के लिए नुकसानदायक
इंदौर। अभी तक एकेवीएन अपने स्तर पर ही जमीनों के आवंटन से लेकर विकास कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय खुद कर लेता था, लेकिन एक साल पहले एकेवीएन का मर्जर एमपीआईडीसी यानी मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में कर दिया गया, उसके बाद से ही सारी फाइलें भोपाल जाने लगी और आबंटन सहित तमाम कार्य ठप पड़े हैं। इतना ही नहीं 30 से 40 लाख रुपए एकड़ की औद्योगिक जमीन अब 95 लाख रुपए एकड़ तक कर दी गई है। वहीं विकास शुल्क सहित अन्य राशि भी बढ़ा दी। नतीजतन अब उद्योग निवेश के लिए कम ही तैयार होंगे, क्योंकि इससे सस्ती जमीन निजी क्षेत्र से हासिल हो जाएगी, जहां पर लीज, मैंटेनेंस से लेकर अन्य राशि भी नहीं चुकाना पड़ेगी।
वर्षों पहले एकेवीएन को लूप लाइन माना जाता था। यानी उसमें एमडी के पद पर तबादला होकर आने वाले अधिकारी सिर्फ टाइम पास करते थे। मगर वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह की जब एकेवीएन इंदौर में पोस्टिंग हुई तो उन्होंने उसका ढर्रा बदल दिया। कॉर्पोरेट शैली में दफ्तर बनाया, जो कि अब आईटी पार्क खंडवा रोड में शिफ्ट हो गया है। इंदौर में इससे भव्य और सुंदर दूसरा कोई सरकारी दफ्तर नहीं है। अभी तक एकेवीएन इंदौर ही पीथमपुर और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से संबंधित सारे महत्वपूर्ण निर्णय ले लेता था और पिछले एमडी कुमार पुरुषोत्तम ने भी जमकर काम किया और बड़े पैमाने पर निवेश भी आया, जबकि देशभर में आर्थिक मंदी थी, लेकिन पीथमपुर में धड़ाधड़ उद्योग खुलते रहे। यहां तक कि कुछ दिन पूर्व ही लॉन्च किए गए स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क के भी लगभग सारे भूखंड बिक गए। लेकिन उसके बाद सालभर पहले एकेवीएन को एमपीआईडीसी यानी मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में मर्ज कर दिया गया। जबकि इंदौर एकेवीएन ही सबसे अधिक राजस्व अर्जित करके देता रहा, लेकिन अब सारी फाइलें भोपाल जाने लगी, जहां प्रबंध संचालक जॉन किंग्सली द्वारा आसानी से अनुमतियां नहीं दी जाती है, जिसके चलते उद्योगों को परेशानी हो रही है और अब कोई नया निवेश भी कम आएगा। पहले 30 से 40 लाख रुपए प्रति एकड़ तक उद्योगों की थी, जो अब 95 लाख रुपए प्रति एकड़ तक हो गई है। इसी तरह मैंटेनेंस यानी रख-रखाव पहले 2 से 4 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट था, वह अब बढ़कर 8 रुपए स्क्वेयर फीट कर दिया। वहीं 6 महीने पहले 50 प्रतिशत प्रीमियम की राशि भी बढ़ा दी गई। अभी कल ही एक नए आदेश के जरिए विकास शुल्क की राशि भी लगभग दो गुना तक कर दी है। पीथमपुर सेक्टर 1, 2, 3, 4 में वर्तमान विकास शुल्क 696 था जो अब 1000 रुपए कर दिया। वहीं एसीझेड में भी राशि बढ़ा दी। औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर क्र. 5 की दरें भी 696 से बढ़कर 1000 रुपए और नया औद्योगिक क्षेत्र क्र. 6 में 684 की जगह 1000 रुपए कर दिया है। वहीं निवेशकों को ऑनलाइन आवेदन जारी किया गया और इनके लिए 2020-21 में निर्धारित पूर्व विकास दर प्रभावशील रहेगी, लेकिन 23 अक्टूबर से अब 31 मार्च 2021 तक के लिए संशोधित विकास दर लागू की गई है, जो कि भूखंड आवंटन-पत्र जिन्हें जारी नहीं हुए उन पर लागू होगी।
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