इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

दिन में उद्योगों को बिजली उपयोग पर 20 फीसदी की छूट

सौर ऊर्जा उत्पादन अवधि में 10 किलोवाट से ज्यादा क्षमता वाले गैर-घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

इंदौर। निम्न दाब उपभोक्ताओं (Low pressure consumers) के लिए मप्र (MP) में पहली बार दोपहर में सौर ऊर्जा (solar energy) अवधि में बिजली उपयोग (electricity usage) पर छूट का प्रावधान कर लागू किया गया है। इसी के हिसाब से मई के बिल भी बनाए जा रहे हैं। 10 किलोवाट से ऊपर के गैरघरेलू, औद्योगिक (Industries) एवं उच्च दाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को इस अवधि में उपयोग पर 20 फीसदी छूट दी जाएगी।



बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार नियामक आयोग ने सौर ऊर्जा अवधि के दौरान की गई बिजली पैदावार को उसी समय खपत कराने के लिए पहल की है। इसके तहत सुबह 9 से शाम 5 बजे जब औसत रूप से सौर ऊर्जा उत्पादन अधिक होता है। उस उत्पादित बिजली की जो उपभोक्ता खपत अधिकाधिक करेगा, उसे एनर्जी चार्ज में 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी। पिक अवधि शाम 5 से रात 10 तक एवं सुबह 6 से 9 तक 20 प्रतिशत सरचार्ज भी वसूला जाएगा। इसी तरह उच्च दाब उपभोक्ताओं को टाइम आफ द डे, यानी टीओडी के आधार पर रात 10 से लेकर सुबह 10 बजे की अवधि में की गई खपत पर 10 प्रतिशत छूट दी जाएगी। ऊर्जा से जुड़े जानकार बताते हैं कि टीओडी समय की मांग है। अब गैरपरंपरागत ऊर्जा का उत्पादन बढ़ रहा है। कई बार कोयले एवं पानी की कमी की स्थिति बन जाती है। ऐसे में सूरज की रोशनी से उत्पादित बिजली का रियल टाइम में उपयोग करना जरूरी हो गया है, यानी हम बिजली से संबंधित अधिकतम काम सौर ऊर्जा अवधि में सुबह 9 से शाम 5 के बीच करेंगे तो सौर ऊर्जा का समय पर उपयोग होगा। पानी और कोयले से निर्भरता घटेगी। ऐसे में ग्रीन एनर्जी का प्रतिशत बढ़ता जाएगा। इसी के मद्देनजर निम्न दाब उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए दिन में छूट की व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। इस तरह के उपभोक्ता पश्चिम मप्र में ही एक लाख के करीब हैं।

बिजली की बैंकिंग संभव नहीं
बिजली को पानी की तरह बांध, तालाब, कुएं, नदी में एकत्र नहीं किया जा सकता है। उत्पादित बिजली का उपयोग उसी समय किया जा सकता है, चाहे पंजाब की बिजली का मप्र में नियमानुसार उपयोग हो या मप्र की बिजली का महाराष्ट्र या उत्तरप्रदेश में। दिन में सौर ऊर्जा के बढ़ते उत्पादन से उसी समय उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए टीओडी की जरूरत बढ़ रही थी।

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