सात साल में सिर्फ 10 नमकीन निर्माताओं ने किराए पर जगह ली .. अब
छोटे और मध्यम नमकीन उद्योगों के लिए बनी 2 बिल्डिंग सालों से पड़ी है खाली
इंदौर, प्रदीप मिश्रा। नमकीन क्लस्टर (Namkeen cluster) की दो बिल्डिंगों में छोटे और मध्यम नमकीन कारोबारियों को किराए पर इंडस्ट्रियल फ्लैट देने की योजना लगभग फ्लॉप साबित हुई है। पिछले सात साल से जी प्लस 3 के दोनों बिल्डिंग के 95 प्रतिशत इंडस्ट्रियल फ्लैट खाली पड़े हैं। इसलिए औद्योगिक केंद्र विकास निगम (Industrial Center Development Corporation) अब इन दोनों बिल्डिंग के सभी इंडस्ट्रियल फ्लैट किराए की बजाय 30 साल के लिए लीज पर देगा।
एमपीआईडीसी यानि औद्योगिक केंद्र विकास निगम इंदौर ने लगभग 11 एकड़ की जमीन पर बने नमकीन क्लस्टर में जहां शहर के बड़े नामचीन नमकीन निर्माताओं को प्लांट डालने के लिए 33 भूखण्ड आवंटित किए थे, वहीं छोटे और मध्यम नमकीन कारोबारी निर्माताओं के लिए जी प्लस 3 की 2 बिल्डिंग इसलिए बनाई थी कि वह इसे किराए पर लेकर कारोबार शुरू कर सके। मगर बीते सात साल में लगभग 10 कारोबारियों ने ही इंडस्ट्रियल फ्लैट किराए पर लिए, बाकी दोनों बिल्डिंग आज तक खाली पड़ी है। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के पास बने इस क्लस्टर में 33 प्लॉट हैं, जहां पर बड़े नमकीन निर्माताओं ने प्लांट डाले हैं। छोटे मध्यम नमकीन कारोबारियो की सुविधा के लिए एमपीआइडीसी ने यहां दो जी प्लस 3 भवन बनाए, जहां पर सिर्फ 10 हजार रुपए में किराए पर इंडस्ट्रियल फ्लैट लेकर प्लग एंड प्ले की योजना के आधार पर उद्योग शुरू किए जा सकते हैं। इन दोनों बिल्डिंग में ग्राउंड से लेकर तीसरी मंजिल तक 24 हजार वर्गफीट में नमकीन निर्माण के लिए बड़े और मध्यम साइज के हॉल बनाए गए हैं। अब इन्हीं फ्लैट्स नुमा हाल को 30 साल के लिए लीज पर देने को तैयारी शुरू हो गई है।
नमकीन क्लस्टर में छोटे और मध्यम नमकीन निर्माताओं के लिए नाममात्र के किराए पर जगह आवंटित करने के बावजूद भी पिछले सात साल से दोनों बिल्डिंग 95 प्रतिशत खाली पड़ी है। इसलिए इन दोनों बिल्डिंग के सारे इंडिस्ट्रयल फ्लैट्स को 30 साल की लीज पर देने के लिए प्रस्ताव बना कर एमपीआईडीसी मुख्यालय भोपाल भेज दिया है।
-राजेश कोठारी, कार्यकारी संचालक एमपीआईडीसी इंदौर
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