बारिश का असर… बिजली की मांग में कमी
मध्यप्रदेश में वर्तमान बिजली 9500 मेगावाट
इंदौर कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। इसका असर बिजली खपत पर साफ दिख रहा है। कृषि कार्य में लगने वाली बिजली की मांग न्यूनतम पहुंच गई है। वहीं खुले में चलने वाले उद्योग बारिश के कारण प्रभावित हैं। मध्यप्रदेश में बिजली की खपत प्रतिदिन 9500 मेगावाट के करीब चल रही है। वहीं प्रदेश की कुल खपत का 5 फीसदी बिजली उपयोग इंदौरी कर रहे हैं।
बिजली की सर्वाधिक खपत जनवरी के महीने में रहती है। इस दौरान प्रदेश में बिजली की खपत 16000 मेगावाट को पार कर जाती है, जो 30 से 31 करोड़ यूनिट प्रतिदिन होती है। जनवरी से जुलाई के पहले सप्ताह में बिजली की खपत में साढ़े 6 हजार मेगावाट की गिरावट प्रतिदिन आकलन पर दर्ज हो रही है। लगातार बारिश के कारण कृषि संबंधी बिजली 95 फीसदी कम हो गई है, वहीं खुले में चलने वाले उद्योग भी इस समय बारिश के कारण बंद जैसी स्थिति में रहते हैं। बारिश के कारण मौसम में ठंडक घुल गई है। एसी व कूलर का उपयोग न्यूनतम स्तर पर हो रहा है। वर्तमान में मध्यप्रदेश की बिजली खपत 9500 मेगावाट तक आ गई है, यानी 21 से 22 करोड़ यूनिट प्रतिदिन बिजली खपत हो रही है। मालवा-निमाड़ में इंदौर बिजली कंपनी क्षेत्र में जहां जनवरी के समय 6500 मेगावाट बिजली खपत होती थी, वह 3500 मेगावाट पर आ गई है। प्रतिदिन 6 करोड़ 50 लाख यूनिट बिजली का उपयोग मालवा-निमाड़ में हो रहा है। कुल मिलाकर बारिश के दौरान बिजली की खपत न्यूनतम स्तर पर रहती है। बारिश का दौर इसी प्रकार जारी रहा तो बिजली खपत और 1000 मेगावाट के नीचे जा सकती है।
इंदौर में अभी भी बिजली खपत अपेक्षा से ज्यादा
प्रदेश के सबसे बड़े महानगर इंदौर में बिजली की खपत इस समय 85 से 90 लाख यूनिट रोजाना होना चाहिए, लेकिन उमस के चलते 515 मेगावाट के करीब बिजली रोजाना अभी भी लग रही है। शहरी क्षेत्र में 95 से 99 लाख यूनिट रोजाना की खपत हो रही है।
कम ही रहती है बारिश में मांग
गर्मियों के दौरान शहरी क्षेत्र और शीत ऋतु के दौरान कृषि कार्य में अत्यधिक बिजली की मांग रहती है। बारिश के दौरान बिजली की मांग और आपूर्ति का क्रम जारी है। वर्तमान समय में बिजली की मांग सीमित ही रहेगी।
अमित तोमर, प्रबंध निदेशक, इंदौर बिजली कंपनी
मांग और आपूर्ति का आकलन
बिजली की मांग और आपूर्ति के लिए तकनीकी रूप से विभाग के इंजीनियर लगे रहते हैं। मांग के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जाती है। बारिश में कम मांग होने से बिजली भी इसी अनुपात में ली जा रही है।
गजरा मेहता,कार्यपालक निदेशक, बिजली कंपनी, इंदौर
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