इंदौर। एक तरफ शासन की गृह ज्योति योजना (Griha Jyoti Yojana) के तहत छोटे यानी गरीब (Poor) उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा रहा है, दूसरी तरफ उद्योग मित्र योजना(Plan) के तहत नए आने वाले उद्यमियों को रिबेट यानी छूट दी जा रही है। सालभर में इंदौर की बिजली कम्पनी (power company) ने 731 करोड़ की मदद इन नए उद्योगों की है, तो उसी तरह साढ़े 33 लाख छोटे उपभोक्ताओं को 135 करोड़ रुपए महीने की सब्सिडी दी जा रही है। इनमें सबसे अधिक साढ़े 4 लाख उपभोक्ता इंदौर जिले (Indore District) के शामिल हैं। सस्ती बिजली योजना ((power company)) के चलते 100 यूनिट तक एक रुपए प्रति यूनिट का शुल्क ही लिया जा रहा है। सब्सिडी (subsidy) की राशि कम्पनी को शासन द्वारा दी जाती है।
मध्यम पश्चिमी क्षेत्र (middle west zone) विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर के मुताबिक सभी उपभोक्ताओं से अपना बिजली का बिल समय पर भरने की अपील तो की ही जाती है, वहीं ऑनलाइन भी बड़ी संख्या में लोग अपना बिल भरने लगे हैं और इसके एवज में उपभोक्ताओं को कुछ रियायत भी मिलती है। कम्पनी ने 2021 में 2575 करोड़ यूनिट बिजली वितरण कर एक रिकार्ड भी बनाया है। इंदौर की कम्पनी के अधीन इंदौर सहित 15 जिले आते हैं और 20 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी लगातार बिजली आपूूर्ति सहित अन्य कार्य में जुटे रहते हैं। गृह ज्योति योजना के तहत एक माह में ही साढ़े 33 लाख उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया गया है। 100 यूनिट तक 1 रुपए यूनिट की दर से ही बिजली प्रदाय की जाती है। औसतन एक उपभोक्ता को 300 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की सब्सिडी मिल रही है। एक माह में ही 135 करोड़ रुपए की सब्सिडी कम्पनी द्वारा उपलब्ध करवाई गई और औसत बिल 100 रुपए से लेकर 400 रुपए तक ही इन उपभोक्ताओं के आए हैं। इंदौर जिले में सर्वाधिक साढ़े 4 लाख उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ दिया गया है, जबकि खरगोन, बड़वानी, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम (Khargone, Barwani, Mandsaur, Ujjain, Ratlam) में भी 2 लाख से ज्यादा और अन्य जिले में 1 से लेकर डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिला है। योजना के क्रियान्वयन में रोजाना 5 यूनिट खपत की पात्रता आती है। 30 दिन में 150 यूनिट से अधिक खपत आने पर माह विशेष के लिए पात्रता समाप्त हो जाती है। इसी तरह शासन की जो उद्योग मित्र योजना है उसमें भी बिजली कम्पनी ने अभी समाप्त हुए वर्ष में 731 करोड़ रुपए की छूट दी है। यह छूट नए कनेक्शन, कैप्ट्यू, ग्रीन फिल्ड और ऑनलाइन भुगतान के जरिए उपलब्ध करवाई गई।
अवैध सिंचाई पम्पों को पकड़ेंगे मोबाइल की सहायता से
अभी बिजली कम्पनी अवैध सिंचाई पम्पों को पकडऩे का अभियान भी चला रही है। इसके लिए कनेक्शनों का जीपीएस सर्वे किया जा रहा है और एक विशेष मोबाइल एप भी बनाया गया है, जिसकी सहायता से पता लग सकेगा कि कहां पर अवैध सिंचाई की जा रही है। जीआईएस के माध्यम से पम्पों की सारी जानकारी सिस्टम में आ जाएगी और फिर चैकिंग आसान होगी और अवैध पम्पों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके लिए नोडल अधिकारी के साथ अन्य जिलों में भी प्रभारियों की तैनाती की गई है।
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