इंदौर। सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय इंदौर संभाग में पदस्थ श्रम निरीक्षक (Labor Inspector posted in Indore Division) को लोकायुक्त की टीम ने 10,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार (arrested for taking bribe) किया है। उसने एक फर्म पर केस बनाया था, उसी केस का निराकरण करने के नाम पर 25 हजार रुपये मांगे थे। उस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई।
संजय नगर इंदौर (Sanjay Nagar Indore) की रहने वाली 27 वर्षीय शिवानी पिता संतोष शर्मा (Shivani Father Santosh Sharma) ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनकी फर्म तिरुपति हर्ब्स कुंजीर एवेन्यू अंजनी नगर में थी। जो फिलहाल बंद है। इसका निरीक्षण श्रम निरीक्षक मनोज पिता सोबरन सिंह तोमर (35) ने किया था। निरीक्षण के दौरान तोमर ने फर्म में 18 वर्ष से कम आयु के कर्मचारी, लेबरों के खातों में वेतन नहीं देने, बोनस नहीं देने, उनका ESIC बीमा न होने की कमी बताकर प्रकरण दर्ज किया था। इसके निराकरण के एवज में तोमर ने 25 हजार रुपये मांगे थे।
फरियादी शिवानी ने कार्यालय पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर में मामले की शिकायत की थी। सत्यापन उपरांत श्रम निरीक्षक द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 10 हज़ार रुपये देने की बात रख ट्रैप तैयार किया गया। सोमवार को रिश्वत के दस हजार रुपये लेत हुए श्रम निरीक्षक मनोज सिंह तोमर को लोकायुक्त टीम इंदौर ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई।
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