इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर के नंदानगर में स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को प्रदेश के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के रुप में शासन ने मान्यता दी है। इसके बाद अब यहां कोई भी व्यक्ति वाहन चलाना सीख सकेगा। खास बात यह है कि यहां से ड्राइविंग सीखने के बाद मिले सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदक का ड्राइविंग लाइसेंस सीधे बन जाएगा, उसे आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा।
केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले सभी राज्यों के प्रमुख जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाने के निर्देश दिए थे, ताकी यहां से पूरी तरह से प्रशिक्षित होने के बाद ही किसी व्यक्ति को लाइसेंस मिल सके। इसके लिए निजी और शासकीय ट्रेनिंग स्कूल्स खोलने के लिए पूरी गाइड लाइन भी तैयार की गई थी। इसी क्रम में नंदानगर आईटीआई को प्रदेश के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के रुप में हाल ही में राज्य शासन ने मान्यता दी है। इसके बाद अब यहां कार से लेकर मध्यम व भारी माल वाहक वाहन और यात्री वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
एक माह की होगी ट्रेनिंग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां कार से लेकर बड़े वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ट्रेनिंग एक माह की होगी। इसमें शासन की गाइड लाइन के मुताबिक आवेदक को पहले थ्योरी क्लासेस दी जाएगी, जिसमें वाहन और उसके पुर्जों से लेकर ट्रैफिक नियमों तक की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद कार के मामलों में 10 घंटे और बड़े वाहनों के मामलों में 15 घंटे की ड्राइविंग ट्रेनिंग भी एक्सपर्ट्स द्वारा दी जाएगी। इसके साथ ही वाहनों से जुड़ी छोटी-मोटी मरम्मत की भी जानकारी दी जाएगी। वाहन पर ट्रेनिंग शुरू करने से पहले ड्राइविंग सिम्युलेटर पर भी ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान संस्थान में ही बने अलग-अलग तरह के रोड पर वाहन चलाने और पार्क करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके बाद यहां पर ही एक्सपर्ट आवेदक का टेस्ट लेंगे और टेस्ट में पास होने के बाद उसे सर्टिफिकेट देंगे जिसके आधार पर उसे परिवहन विभाग बिना टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस जारी करेगा।
प्रशिक्षण शुरू करने के लिए अधिकारियों से मांगा मार्गदर्शन – आईटीआई को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के रुप में मान्यता मिलने के बाद आईटीआर्ई में ड्राइविंग प्रशिक्षण विभाग का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) रखा गया है। यह तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत काम करेगा। मान्यता मिलने के बाद प्रशिक्षण शुरू करने के लिए संस्थान ने कल ही परिवहन आयुक्त और तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक को पत्र लिखते हुए मार्गदर्शन मांगा है जिसमें कई बिंदूओं पर जानकारी मांगी गई है। अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए जाने के साथ ही यहां प्रशिक्षण शुरू होगा। किस वाहन के प्रशिक्षण का शुल्क कितना होगा यह अभी तय नहीं है।
भारी वाहन के ड्राइवरों के लिए चल रहा है रिफ्रेशर कोर्स… 290 महिलाएं ले चुकी हैं ट्रेनिंग
संस्थान में अप्रैल 2010 से आइशर कंपनी के साथ मिलकर भारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए रिफ्रेशर कोर्स संचालित किया जा रहा है। जिसमें लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बाद रिन्युअल से पहले ड्राइवर्स को ड्राइविंग से जुड़ी सभी तरह की जानकारी दी जाती है। इसके बाद यहीं पर दोबारा टेस्ट के बाद परिवहन विभाग लाइसेंस रिन्यु करता है। इसके साथ ही जनवरी 2021 से यहां महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगरा के लिए कार ड्राइविंग भी सिखाई जाती है। इसमें आठ बैचेस में अब तक 290 महिलाएं ट्रेनिंग ले चुकी हैं।
इंदौर के लिए गौरव की बात
इंदौर में प्रदेश के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के रुप में आईटीआई को मान्यता मिली है, यह गौरव की बात है। जल्द ही यहां सभी तरह के वाहनों के लिए आवेदकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सफल आवेदकों को सर्टिफिकेट के आधार पर परिवहन विभाग बिना टेस्ट के लाइसेंस जारी करेगा। इसके लिए वाहन पोर्टल पर भी अपडेशन किया जाएगा। – प्रदीप शर्मा, आरटीओ इंदौर
जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण
आईटीआई को ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के रुप में शासन ने मान्यता दे दी है। अब यहां सभी तरह के वाहनों के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग शुरू करने के लिए परिवहन विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र लिखते हुए मार्गदर्शन मांगा गया है। अधिकारियों के निर्देशानुसार जल्द ही यहां प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। इसके लिए यहां सभी तैयारियां हैं। – अनिल कुमार शर्मा, प्रभारी अधिकारी, शासकीय ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
अब नहीं बन पाएंगे फर्जी लाइसेंस
परिवहन विभाग पर लंबे समय से आरोप लगते रहे हैं कि यहां ऐसे लोगों को भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है जो वाहन चलाना नहीं जानते हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्रा नितिन गडक़री भी यह बात कह चुके हैं। इन्हीं बातों को लेकर मंत्रालय द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल की व्यवस्था शुरू की जा रही है। विशेषज्ञों की माने तो आने वाले समय में उन्हीं लोगों को लाइसेंस मिल सकेगा, जो ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण पूरा करेंगे। इससे सिर्फ सही तरह से वाहन चलाने वालों को ही लाइसेंस मिल सकेगा, जिससे ट्रैफिक में भी सुधार होगा और सडक़ हादसों में भी कमी आएगी, साथ ही फर्जी तरह से लाइसेंस बनने पर पूरी तरह से रोक लग सकेगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved