इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर का ग्रेटर रिंग रोड खतरे में… टेंडर बाले-बाले निरस्त

इंदौर, अमित जलधारी। एक अजीबोगरीब फैसला लेते हुए शहर की महत्वाकांक्षी ग्रेटर रिंग रोड के पूर्वी हिस्से के निर्माण के टेंडर बाले-बाले निरस्त कर दिए गए हैं। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने पूर्वी रिंग रोड बनाने के लिए जनवरी में टेंडर बुलाए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उन्हें बिना किसी हो-हल्ले के निरस्त कर दिया गया। इसके पीछे जो बात सामने आ रही है, वह गले नहीं उतर रही है। बताया जा रहा है कि टेंडर इसलिए निरस्त किए गए हैं, क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार की मंशा है कि इंदौर की रिंग रोड का पूर्वी हिस्सा वह नेशनल हाईवे के बजाय मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) से बनवाए। हालांकि यह सवाल अब तक अनुत्तरित है कि पहले हजारों करोड़ रुपए के कर्ज में दबी प्रदेश सरकार जबरदस्ती 3000 करोड़ रुपए का यह भारी-भरकम प्रोजेक्ट क्यों अपने जिम्मे लेना चाहती है। यदि एनएचएआई यह रोड बनाती तो ज्यादातर खर्च केंद्र सरकार को ही वहन करना था। प्रदेश सरकार के सूत्र भी यह मानते हैं कि यह अजीबोगरीब फैसला समझ से परे है। जब पश्चिमी हिस्सा एनएचएआई से बनवाया जा रहा है तो फिर पूर्वी हिस्से को एमपीआरडीसी से बनवाने का क्या तुक है। वैसे भी एनएचएआई एमपीआरडीसी से ज्यादा अच्छी और टिकाऊ सडक़ें मानक स्तर पर बनवाएगा।

केंद्र की मिल रही थी मदद.. राज्य सरकार ने अड़ंगा डाल दिया, पूर्वी हिस्सा खुद बनाने की तैयारी

शहर में नई ग्रेटर रिंग रोड बनाने की पहल खुद एनएचएआई ने की थी। प्रोजेक्ट भी उसी ने बनवाया। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसके निर्माण को मंजूरी दी थी। उसी के बाद जनवरी-23 में 75 किलोमीटर लंबी पूर्वी रिंग रोड बनाने के लिए टेंडर बुलाए गए थे। इसके निर्माण की लागत करीब 2200 करोड़ रुपए आंकी गई थी। रोड के लिए 640 हेक्टेयर जमीन लेने की अधिसूचना भी एनएचएआई ने जारी कर दी थी और फिर एकाएक प्रोजेक्ट को रोका जा रहा है। उच्च स्तर का मामला होने के कारण कोई अफसर इस मामले में आधिकारिक स्तर पर कुछ नहीं बोल रहा है।


25 प्रतिशत जमीन राज्य सरकार को देना है
केंद्र और राज्य सरकार के बीच तय हुआ था कि 139 किमी लंबी पूर्वी और पश्चिमी रिंग रोड के लिए जरूरी जमीन अधिग्रहण की 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी और बाकी हिस्से का खर्च एनएचएआई उठाएगी। इस फार्मूले के आधार पर 64 किमी लंबी पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण के टेंडर बुलाकर फाइनल किए जा चुके हैं और कंपनी को काम सौंपा जा चुका है।

हां, निरस्त हुए हैं टेंडर : सांसद
नई पूर्वी रिंग रोड के संबंध में राज्य सरकार से कोई पत्र केंद्र को गया है, जिसके बाद टेंडर निरस्त किए गए हैं। मैंने एनएचएआई अफसरों से जानकारी मांगी है। इस संबंध में सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय सचिव अनुराग जैन से मिलकर चर्चा करूंगा।

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