देर रात सडक़ों पर मिले, प्रशासन ने वृद्धाश्रम पहुंचाया
इन्दौर। राहत इंदौरी (Rahat Indori), मुनव्वर राणा (munawwar rana) जैसे बड़े-बड़े शायरों के साथ देश का नाम रोशन करने वाले नौशाद इंदौरी (Naushad Indori) 90 वर्ष की उम्र में दर-दर भटकने को मजबूर है । 6 बच्चे होने के बावजूद भी उन्हें देर रात सडक़ों पर भटकते हुए पाया गया। जहां एक संस्था की मदद से प्रशासन (Administration) ने उन्हें आश्रम में भर्ती कराया है। उनके अनुसार उनकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए बच्चों ने उन्हें घर में रखने से मना कर दिया है। लेखक नौशाद इंदौरी दर-दर भटकने को मजबूर हैं। 90 वर्ष की आयु में 6 संतानों के पिता को बच्चों ने घर से निकाल दिया है। देर रात सदर बाजार थाने से पुलिस द्वारा उन्हें वृद्धाश्रम पहुंचाया।
उर्दू अकादमी ने लिखी उन पर किताब
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी ने उनके ऊपर शोख ए परवाज नामक किताब लिखी थी। महाकाल संस्था के जय्यू जोशी, करीम पठान ने निराश्रित आश्रम पहुंचाया है। सदर बाजार थाना क्षेत्र के नागरिकों द्वारा समाजसेवियों को सूचित किया गया था, जिसकी जानकारी लगने के बाद तत्काल इनको वृद्ध आश्रम पहुंचा गया। इस संगठन द्वारा लावारिस लाशों का भी क्रियाकर्म किया जाता है।
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