इंदौर (Indore)। पिछले दिनों इंदौर के एक फैक्ट्री मालिक द्वारा अपने सीए को बंधक बनाने का मामला पहले सोशल मीडिया के जरिए उजागर हुआ, उसके बाद प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भी इसका खुलासा किया। तत्पश्चात चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएशन ने पुलिस कमीश्रर को ज्ञापन सौंपा, जिसके चलते कन्फेक्शनरी फैक्ट्री के मालिक संजय जेसवानी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई, जो कि एक बड़ा नटवरलाल साबित हुआ, क्योंकि अब कई कारोबारी उसके द्वारा ठगी का शिकार होकर शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। पूर्व में भी अपने ही कई कर्मचारियों के अलावा कारोबारियों को बंधक बनाने और धोखाधड़ी के फर्जी आरोपों में गिरफ्तार करवा चुका है। यहां तक कि एक विदेशी निवेशक को ना सिर्फ बंधक बनाया, बल्कि उसकी माँ को भी घंटों तक अपने कब्जे में रखा और उसके बाद जैसे-तेसे एक होटल में इस विदेशी कारोबारी को रूकना पड़ा।
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज ने भी अब इस मामले में मोर्चा खोला है और उसके अध्यक्ष योगेश मेहता ने बताया कि कल पुलिस कमीश्रर राकेश गुप्ता से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और पुलिस कमीश्रर ने गंभीरता से उद्योगपतियों की बात सुनी, जिसमें उन्हें बताया गया कि कैम्को कन्फेक्शनरी के मालिक संजय जेसवानी ने किस तरह अन्य कारोबारी-पार्टनर और अपने कर्मचारियों के साथ ज्यादती की और कई परिवारों को उसने फर्जी आरोप लगाकर तबाह कर दिया। पुलिस कमीश्रर श्री गुप्ता ने इस पूरे मामले की जांच एसीपी विजय नगर कृष्णलाल चंदानी को सौंपी है। दरअसल, जेसवानी एक बड़ा नटवरलाल है, जिसने करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया और अपने ही कर्मचारियों, चार्टर्ड एकाउंटेंट व अन्य सहयोगियों को झूठे आरोप में फंसाकर फर्जी एफआईआर दर्ज करा देता है।
थाना लसूडिय़ा में उसकी तगड़ी सेटिंग बताई जाती है और एक काबिना मंत्री के बेटे की जेसवानी के साथ पार्टनरशिप भी बताई जा रही है। एसोसिएशन ने जो शिकायत लसूडिय़ा थाने को सौंपी उसमें कहा गया कि मॉस्को का निवासी गौरव अहलावत, जिसका एक घर इंदौर में ही है, वह व्यापार के सिलसिले में इंदौर आया और संजय जेसवानी से पहचान हुई और एक कम्पनी जीआरवी कन्फेक्शनरी फूड प्रा.लि. की स्थापना की गई, जिसमें पूरी धन राशि गौरव अहलावत ने ही निवेश की। वहीं एक और नई फैक्ट्री सोनीपत हरियाणा में भी खोली गई, जिसमें उनके अलावा उनकी माताजी और रिश्तेदारों की भी भागीदारी थी। जेसवानी ने यह फैक्ट्री इंदौर शिफ्ट करवा ली और कम्पनी के कुछ डायरेक्टरों को भी बदल दिया। बाद में जेसवानी ने मनमाने तरीके सेअपने रिश्तेदारों, भांजी को भी डायरेक्टर बना दिया और पूरी फैक्ट्री ही हड़प ली। पिछले दिनों जब मैं इंदौर आया तो संजय जेसवानी से मिलने गया तो उसके बॉडीगार्ड ने ना सिर्फ रोका, बल्कि मारपीट भी की और एक कमरे में बंधक बनाकर रख लिया। जब मेरी माताजी दिल्ली से आई तब उनका भी अपहरण कर जेसवानी ने घर पर अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा। बाद में मैं तीन-चार दिन होटल में जाकर रूका। दरअसल, जेसवानी पर कॉर्पोरेट माफिया होने के आरोप लगे हैं और मंत्री का वरदहस्त होने के चलते पुलिस ने कभी सख्त कार्रवाई उस पर नहीं की।
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