इन्दौर। इस बार मध्यप्रदेश में सीटों को लेकर दो सट्टा बाजार अलग-अलग अनुमान बता रहे हैं। इंदौर का सट्टा बाजार जहां भाजपा को क्लीप स्विप देकर प्रदेश में 27 से 29 सीटों पर विजय बता रहा है तो फलौदी का सट्टा बाजार प्रदेश की 7 सीटों पर कड़ा मुकाबला बता रहा है। हालांकि पिछली बार विधानसभा चुनाव में दूध से जले सटोरिए इस बार छांछ भी फूंक-फूंककर पी रहे हैं। विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को ज्यादा सीटें बताकर सरकार बनाने की खबर ने सटोरियों को तगड़ा झटका दिया था। तब भाजपा की सरकार प्रदेश में बहुमत से आ गई। इसलिए अब इस बार सटोरिए भी देखकर चल रहे हैं।
देशभर में फलौदी सट्टा बाजार का आकलन सटिक आता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में पहले इसने भाजपा तो बाद में कांग्रेस की सरकार बताकर बड़ा उलटफेर कर दिया था। अब चूंकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आना हैं तो सट्टा बाजार अपने-अपने अनुमान निकाल रहा है। फलौदी सट्टा बाजार का मानना है कि इस बार प्रदेश में भाजपा को सीटों का घाटा हो सकता है, क्योंकि यहां सीधे-सीधे 7 सीटों पर कड़ी टक्कर नजर आ रही है। इन सीटों में हर संभाग से एक-एक सीट शामिल है। इंदौर संभाग की झाबुआ सीट भी इसमें शामिल हैं।
इसके अलावा ग्वालियर, मंडला, राजगढ़, मुरैना, छिंदवाड़ा और सतना जैसी सीटों पर भी कड़ा मुकाबला बताया गया है और यहां एकतरफा परिणाम नहीं आने के संकेत दिए जा रहे हैं। 22 से 27 सीटें भाजपा के पक्ष में आने का अनुमान है तो इंदौर के सट्टा बाजार में अभी गर्माहट देखने को नहीं मिल रही है। एक समय था, जब इंदौरी सट्टा बाजार के आंकड़े बिलकुल फिट बैठते थे, लेकिन इस बार भी सटोरिए ज्यादा ऊंचे-नीचे हो रहे हैं, जैसा विधानसभा चुनाव में हुआ था। वैसे इंदौर का सट्टा बाजार 27 से 29 सीटें भाजपा के खाते में बता रहा है। दो सीटों छिंदवाड़ा और राजगढ़ पर मुकाबला बताया जा रहा है, लेकिन भाजपा का कहना है कि सारी सीटें हम जीत रहे हैं। फिलहाल सट्टा बाजार में मंदी का माहौल नजर आ रहा है, क्योंकि इंदौर से प्रत्याशी शंकर लालवानी की जीत के आंकड़े को लेकर भी सटिक आकलन नहीं लग पा रहे हैं। साढ़े 15 लाख वोट इस चुनाव में गिरे हैं और लालवानी की जीत का आंकड़ा 11 से 12 लाख के बीच हो सकता है। खैर, एक-दो दिन में सातवें चरण का चुनाव समाप्त होने के बाद आने वाले एक्जिट पोल के आंकड़ों से भी बहुत कुछ स्थिति क्लीयर हो जाएगी।
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