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हवा सुधारेंगे इंदौर की, वायु गुणवत्ता के लिए 3 चौराहों पर ही 3 करोड़ के एयर मॉनीटरिंग सिस्टम लगेंगे

May 07, 2022

क्लीन सिटी को क्लीन एयर के मामले में भी इंदौर को नम्बर वन बनाने के लिए
शहर के अस्पतालों, डाक्टरों से वायु प्रदूषण सम्बन्धित बीमारियों के मरीजोंं के आंकड़ों की स्टडी करेगा वाइटल स्ट्रेटेजी ऑर्गजनाइजेशन
इंदौर।  साफ -सफाई (cleanliness), स्वच्छता में 5 साल से लगातार नम्बर वन इंदौर ( number one indore) को अब वायु गुणवत्ता (air quality) के मामले में भी नम्बर वन बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (international organization)  ने शहर में 5 सालों के लिए क्लीन एयर प्रोजेक्ट (clean air project) शुरू कर दिया है। क्लीन एयर कैटलिस्ट (clean air catalyst) प्रोजेक्ट के तहत अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन वाइटल स्ट्रेटेजी यूएसए-आईडी के आर्थिक सहयोग से इंटरनेट के जरिए शहर की वायु गुणवत्ता की निगरानी रखने के लिए शहर के 3 प्रमुख व्यस्ततम चौराहों पर ऑनलाइन एयर मॉनीटरिंग (online air monitoring)  सिस्टम लगाए जाएंगे। इंटरनेट के जरिए शहर में वायु प्रदूषण का इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन वाइटल स्ट्रेटेजी 24 घंटे आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगा।


यह एयर मॉनीटरिंग सिस्टम (air monitoring system) शहर में मोती तबेला, बिचौली हप्सी, मूसाखेड़ी इन तीन सार्वजनिक स्थानों पर लगाएं जाएंगे। इसके लिए विदेश से मशीनें आ चुकी हैं, जो पीथमपुर में मौजूद हैं। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन वाइटल स्ट्रेटेजी ने मीडिया को देते हुए कहा कि इस मॉनीटरिंग सिस्टम पर पहले चरण में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन वाइटल स्ट्रेटेजी लगभग तीन करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। क्लीन एयर प्रोजेक्ट की शुरुआत एक निजी होटल में आयोजित कार्यशाला से की गई है, जिसमें इंदौर के 36 चिकित्सक ,पर्यावरणप्रेमी, अनुसंधान करने वाले शोधकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, नर्सों सहित प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉक्टर दिलीप वाघेला सहित डॉक्टर सलिल भार्गव, कौशिक हजारिका, कैंसर डॉक्टर (ऑन्कोलॉजिस्ट) डॉ. एसएस नायर सहित कई अन्य नागरिक शामिल थे । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इंदौर साफ-सफाई के मामले में पांच साल से देश में नम्बर वन जरूर बना हुआ है, मगर यह शहर अभी भी मध्यप्रदेश के प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है। इसलिए शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी को एकजुट होकर लक्ष्य हासिल हो जाने तक लगातार काम करना होगा।


कार्यशाला में जानकारी दी गई कि साल 2019 में भारत में 10 लाख मौतें वायु प्रदूषण सम्बन्धित बीमारियों के कारण हुईं, जिनमें से 1,10,000 से अधिक मौतें वायु सम्बन्धित बीमारियों के चलते अकेले मध्यप्रदेश में हुईं। इंदौर को क्लीन एयर मामले में नम्बर वन बनाने के लिए समाज, प्रशासन, सभी शहर के सरकारी महकमों सहित सभी संस्थाओं को एकजुट होकर काम करना होगा, तभी जाकर हम स्वच्छ आबोहवा के मामले में भी नम्बर वन बन सकेंगे। यदि हम इसमें कामयाब हुए तो यह शहर स्वत: ही वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से मुक्त हो जाएगा।


निजी होटल में कार्यशाला के बाद
वाइटल स्ट्रेटेजी (vital strategy) की टीम महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां पर उन्होंने डॉक्टर्स, मेडिकल प्रोफेसर्स से वायु प्रदूषण के कारण होने वाली फेफड़े व श्वास, एलर्जी, दमा, अस्थमा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर सम्बन्धित बीमारी वाले मरीजों की जानकारी ली। संस्था की टीम ने डॉक्टर्स से आग्रह किया कि वायु प्रदूषण से सम्बन्धित उनके पास आने वाले मरीजों के आंकड़े उनकी टीम से शेयर करें। वाइटल स्ट्रेटेजी की टीम ने कहा कि क्लीन एयर प्रोजेक्ट पर उनकी संस्था जिला प्रशासन, नगर निगम, प्रदूषण विभाग के साथ समन्वय कर इंदौर में 5 साल तक काम करेगी।

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