इंदौर। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर के लोग अब तक 25 करोड़ से ज्यादा के मास्क का उपयोग कर चुके हैं। शहर में रहने वाले प्रत्येक नागरिक ने अब तक लगभग 8 से 10 मास्क का उपयोग संक्रमण से बचने के प्रयास में किया है। इंदौर शहर की जनसंख्या 35 लाख के करीब जा चुकी है। इसमें 4 से 5 लाख छोटे बच्चे भी हैं, जो ज्यादातर समय घरों में ही रहे हैं। मार्च 2020 में ही कोरोना रोकथाम के लिए मास्क का उपयोग शुरू हो गया था, जो मार्च के अंत तक कंपलसरी कर दिया गया।
पिछले 9 महीने में प्रत्येक शहरवासी औसतन 8 से 10 मास्क का उपयोग कर चुका है। 1 मास्क अधिकतम चार से पांच बार ही उपयोग में धोने के बाद लिया जा सकता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 9 माह के दौरान तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा मास्क इंदौरी उपयोग कर चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या उन मास्क की भी है जो यूज एंड थ्रो के लिए बने होते हैं, जो दिन में एक या दो बार उपयोग के बाद भी बदले जाते हैं। इनकी कीमत भी तीन से चार रुपए होती है।
मिला रोजगार
मास्क की खपत इतनी ज्यादा है कि इसमें तकरीबन 1000 महिलाएं मास्क सिलने या बनाने का काम कर रही हैं। इसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी शामिल हैं। शहर की 5000 से ज्यादा दुकानों एवं सडक़ किनारे अस्थाई दुकानों की संख्या 2000 से ज्यादा है। इस तरह मास्क ने हजारों लोगों को रोजगार भी दिया है।
शुरुआत में कालाबाजारी
कोरोना संक्रमण के शुरुआती अप्रैल व मई 2020 के महीने में मास्क को लेकर असमंजस की स्थिति के चलते ठ्ठ95 मास्क की 400 तक में बिक्री की गई थी। साथ ही 15 से 20 के कपड़े वाले मास्क को 50 रुपए से ज्यादा में भी बेचा गया। इसके बाद डब्ल्यूएचओ व प्रशासन की गाइड लाइन में बदलाव के बाद सामान्य मास्क का उपयोग चलन में आया।
कोरोना संक्रमण का दौर अभी भी जारी है। 9 महीने बीत जाने के बाद संक्रमण से बचाव का सबसे बेहतर साधन मास्क ही है। सभी मास्क का उपयोग खुद के बचाव और दूसरे संक्रमित से बचने के लिए जरूर करें।
डॉ. अमित मालाकार, नोडल अधिकारी, कोरोना जागरूकता कमेटी
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