
- बच्चों की सेहत की निगरानी के मामले में इंदौर सबसे आगे
- तीन लाख से ज्यादा बच्चो के घर पहुंची दस्तक की टीम
इंदौर। शहर सहित इंदौर (Indore) जिले में जन्म से लेकर 5 साल (5 years) तक के बच्चो (children) की विटामिन – ए (Vitamin – A) और एनीमिया (Anemia) से पीडि़त बच्चों की निगरानी के मामले में इंदौर का स्वास्थ्य विभाग मध्य प्रदेश (MP) के अन्य जिलों में सबसे आगे निकल चुका है। एनीमिया पीडि़त बच्चों के मामले ने दस्तक टीम इंदौर सहित जिले में 53 प्रतिशत घरों तक पहुंच चुकी है वहीं विटामिन-ए से पीडि़त 70 प्रतिशत बच्चों के पास जा चुकी है।
जिला स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण अधिकारी तरुण गुप्ता ने बताया कि इंदौर शहर और जिले में दस्तक अभियान के दूसरा चरण 18 फरवरी से चल रहा, जो 18 मार्च तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत इंदौर सहित एमपी के अन्य जिलों से हम आगे चल रहे है, क्योंकि विटामिन-ए की कमी वाले बच्चों की खोज में मध्यप्रदेश के अन्य जिले जहां 52 प्रतिशत बच्चों तक ही पहुंचे है, वहीं इंदौर जिला 70 प्रतिशत टारगेट पूरा कर चुका है। इसी तरह एनीमिक पीडि़तों के मामले के इंदौर स्वास्थ्य विभाग जहां 53 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर चुका है वहीं एमपी के अन्य जिलों में अभी तक 45 प्रतिशत ही टारगेट पूरा हुआ है। गुप्ता के अनुसार दस्तक अभियान के दौरान एनीमिक बच्चों के मामले में इंदौर को 1 लाख 93 हजार 455 का लक्ष्य दिया गया था। इसमें से 94 हजार 776 बच्चों तक दस्तक की टीम पहुंच चुकी है । इसी प्रकार विटामिन-ए के मामले में 3 लाख 79000 बच्चों की जांच 18 मार्च तक करना थी, मगर इंदौर में दस्तक की टीम 12 मार्च तक 2 लाख 65 हजार 626 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं वितरित कर चुकी है। इस तरह टारगेट पूरा करने के मामले में इंदौर जिला एम पी के अन्य सभी जिलों में अव्वल बन चुका है ।