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    इंदौर: नए फ्लायओवरों की सौगात के साथ प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कल मंजूर होगा बजट

  • June 18, 2024

    800 करोड़ रुपए से अधिक कमाए, एमआर-12 पर रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज के अलावा गांधी नगर चौराहा और महू नाका पर भी प्रस्तावित अन्य विषयों पर भी होगी चर्चा

    इंदौर। प्राधिकरण (authority) अपना सालाना बजट (budget) कल मंजूर करने जा रहा है। बोर्ड बैठक में बजट के अलावा कुछ अन्य विषयों पर चर्चा कर निर्णय तो लिए ही जाएंगे। वहीं नए फ्लायओवरों (flyovers) की सौगात भी मिलेगी। एमआर-12 (MR-12) पर रेलवे के ऊपर बनने वाले ओवरब्रिज के अलावा कान्ह नदी, गांधी नगर चौराहा और महूनाका पर भी प्राधिकरण फ्लायओवर का निर्माण करेगा। गत वर्ष प्राधिकरण ने 6 हजार करोड़ का बजट मंजूर कर डाला था। इस बार 1100 करोड़ के आसपास रहेगा।


    गत वर्ष प्राधिकरण 800 करोड़ रुपए से अधिक ही खर्च कर पाया, क्योंकि वैसे भी उसने जो बजट बनाया था वह कागजी और राजनीतिक दांव-पेंच वाला था। चूंकि पिछली बार प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा थे। लिहाजा उन्होंने नगर निगम से प्रतिस्पर्धा करते हुए 5 से 6 गुना अधिक का बजट बनवा दिया, जिसमें कन्वेंशन सेंटर, स्टार्टअप पार्क से लेकर कई ऐसी योजनाएं शामिल कर दी जो कागजों तक ही सीमित रही। चुनावी आचार संहिता के चलते प्राधिकरण अप्रैल में अपना इस वित्त वर्ष का बजट मंजूर नहीं कर सका, जिसके चलते कल बोर्ड बैठक संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई है, जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक मास्टर प्लान की जो सडक़ें निर्मित की जाना है उसका भी बजट प्रावधान किया जाएगा, तो ग्रीन बेल्ट विकसित करने के साथ नए फ्लायओवरों का निर्माण भी प्राधिकरण करेगा। वर्तमान में खजराना, भंवरकुआ, फूटी कोठी और लवकुश चौराहा पर प्राधिकरण के फ्लायओवरों का काम तेजी से चल रहा है और इस साल के अंत तक इन सभी चारों फ्लायओवरों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा लवकुश चौराहा पर एक डबल डेकर फ्लायओवर का निर्माण भी प्राधिकरण करवा रहा है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण ने गत वित्त वर्ष में 800 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्तियां भी बेची और वर्तमान में सुपर कॉरिडोर से लेकर अन्य योजनाओं में भी उसके पास बड़ी संख्या में खाली भूखंड, निर्मित फ्लेट और अन्य सम्पत्तियां मौजूद हैं। चुनावी आचार संहिता के चलते इनके टेंडर भी प्राधिकरण जारी नहीं कर पाया था। मगर अब तेजी से टेंडरों को जारी करेगा। पिछली बार प्राधिकरण अपने-अपने बजट में बढ़-चढक़र घोषणाएं कर दी थी और 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक के खर्च का अनुमान लगा लिया, जबकि मात्र 900 करोड़ ही खर्च हो सके। वहीं वर्तमान में जिन 6 टीपीएस योजनाओं पर प्राधिकरण काम कर रहा है उनमें मास्टर प्लान के अलावा अन्य प्रमुख सडक़ों, बगीचों, ड्रैनेज लाइन डालने से लेकर अन्य विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। मगर इस बार का बजट 5 हजार करोड़ रुपए से कम का रहेगा और उसके अलावा कुछ अन्य विषय भी बोर्ड के समक्ष मंजूरी के लिए रखे गए हैं। ना तो चिल्ड्रन पार्क,न महिला उद्यमिता केन्द्र, ना स्टार्टअप कॉम्प्लेक्स और ना ही कन्वेंशन सेंटर, जिसकी जोर-शोर से घोषणा की गई थी। उसमें वर्षभर कोई प्रगति नहीं हुई, क्योंकितकनीकी मंजूरी भी शासन से नहीं मिल सकी। सुपर कॉरिडोर पर चूंकि मास्टर प्लान में उपयोग से लेकर निर्धारित एमओएस और ऊंचाई के जो प्रावधान हैं उसमें प्राधिकरण ने छूट मांगी थी, जिस पर अब उपांतरण का प्रस्ताव नगर तथा ग्राम निवेश ने भेजा है, जिस पर दावे-आपत्तियां भी बुलवाई गई है। प्राधिकरण सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक कल बोर्ड बैठक में मुख्य रूप से सालाना बजट को ही रखा जाना है।

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