इंदौर (Indore)। मेट्रो प्रोजेक्ट में साढ़े 5 किमी के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर जनवरी से व्यावसायिक संचालन शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है, जिसके चलते स्टेशनों को भी बनाया जा रहा है, तो साथ ही लगातार मेट्रो कोच भी बड़ौदा की फैक्ट्री से बनकर इंदौर आ रहे हैं। भोपाल मेट्रो को 27 कोच, तो इंदौर को 25 कोच मिलना है, जिनमें से अब तक भोपाल को 7, तो इंदौर को 9 कोच मिल चुके हैं। लिहाजा इंदौर मेट्रो के लिए 16 कोच अभी आना है। ये सभी कोच गांधी नगर में बनाए विशाल मेट्रो डिपो में खड़े रहेंगे। दूसरी तरफ रात में मेट्रो का ट्रायल भी लिया जा रहा है। दूसरी तरफ अंडरग्राउंड रुट का मामला अभी तक नहीं सुलझा है, जिसके चलते करोड़ों रुपए रोज का नुकसान भी मेट्रो प्रोजेक्ट हो रहा है।
अभी फिलहाल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर रात में मेट्रो को चलाकर ट्रायल लिया जा रहा है, क्योंकि सिक्युरिटी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण परीक्षण किए जाना है और रेलवे कमिश्रर की टीम भी इसका अवलोकन करने आएगी। मेट्रो के एक सेट में 3-3 डिब्बे रहेंगे। यानी 25 मेट्रो ट्रेन में 75 डिब्बे जुड़े रहेंगे, जो अभी बन रहे पहले चरण के एलिवेटेड और अंडरग्राउंड ट्रैक पर एयरपोर्ट से एयरपोर्ट तक दौड़ेंगे। इसकी कुल लम्बाई लगभग 32 किलोमीटर रहेगी। 16 मेट्रो स्टेशनों का काम चल रहा है, जिनमें से 5 स्टेशनों पर सिग्रल भी लगाए जा चुके हैं।
साढ़े 5 किलोमीटर से अधिक के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर अगले साल की शुरुआत में व्यावसायिक संचालन शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके चलते इस हिस्से में सभी स्टेशन निर्मित होंगे। साथ ही बचे हुए सारे कार्य साल के अंत तक पूरे किए जाएंगे। यही कारण है कि अभी रात में ट्रायल रन भी चल रहा है। मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इंदौर-उज्जैन मेट्रो के लिए जो कोच आ रहे हैं उसका ठेका 3248 करोड़ में एल्स्टॉम इंडिया को दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इन अत्याधुनिक कोच का निर्माण कम्पनी के बड़ौदा के पास स्थित प्लांट में तैयार हो रहे हैं और वहीं से ये कोच विशाल ट्राले में लदकर इंदौर आते हैं और अभी जो 9 मेट्रो ट्रेन के सेट, जिनमें 27 कोच हैं, सभी गांधी नगर के डिपो पर खड़े हैं और इन्हीं में से 3 कोच के एक सेट को ट्रायल में इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रेन नियंत्रण सिग्रल प्रणाली के साथ 15 सालों तक इन कोचों का रख-रखाव भी कम्पनी द्वारा ही किया जाएगा। लंदन, सिंगापुर, स्टॉकहोम सहित देश में भी कई जगह चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट में इसी कम्पनी के तैयार अत्याधुनिक कोच इस्तेमाल किए जा रहे हैं। बड़ौदा के सावली प्लांट में इन कोचों का निर्माण कार्य चल रहा है। इंदौर-भोपाल प्रोजेक्ट के लिए कुल 156 कोच तैयार होकर पहुंचेंगे।
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