इन्दौर। दो दिन बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इंदौर पौधारोपण के मामले में असम का रिकार्ड तोडऩे जा रहा है। असम के पास 9.25 लाख पौधे एक दिन में रोपने का रिकार्ड है, जबकि इंदौर 11 लाख पौधे लगाकर इस रिकार्ड के आगे पहुंच जाएगा। समाज के हर वर्ग की भागीदारी इस कार्यक्रम में होगी। शाम 6 बजे से गड्ढे होना शुरू होंगे और 14 जुलाई की सुबह 6 बजे से पौधे लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
शहर में 51 लाख पौधे लगाने का काम अब अंतिम दौर में चल रहा है। 6 जुलाई से साधु-संतों की मौजूदगी में शुरू हुए इस पुनीत कार्य को लेकर शहर में हर जगह पौधारोपण हो रहा है। अभी तक शहर में लाखों पौधे लगाए जा चुके हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में लगाए गए पौधे भी शामिल हैं। अब आखिरी दिन 14 जुलाई को एकसाथ 11 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसको लेकर वृहद स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस दिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बड़ा आयोजन होगा, जिसमें वे अपनी मां के नाम भी पौधा रोपेंगे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस आयोजन में हर वर्ग की भागीदारी होगी। सभी ने एक ही निवेदन पर शहर में बनने वाले रिकार्ड और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने की सहभागिता पर सहमति दी है। इसके लिए वल्र्ड रिकार्ड की टीम भी मौजूद रहेगी और अपने मानकों पर इस दावे को परखेगी। 13 जुलाई की शाम 6 बजे से रेवती रेंज में गड्ढे खोदने का कार्य शुरू होगा और सुबह 6 बजे तक चलेगा। इसके बाद सुबह 6 बजे से ही पौधे रोपने का काम शुरू हो जाएगा, जो शाम 6 बजे तक चलेगा। इस दौरान 11 लाख पौधे लगाए जाएंगे। फिलहाल असम राज्य के नाम 9.25 लाख पौधे लगाने का रिकार्ड है और इंदौर इस रिकार्ड को तोडऩे जा रहा है। आयोजन में शहर के हर वर्ग की भागीदारी रहेगी।
100 संगठन के 50 हजार लोग हिस्सा लेंगे
इस महाभियान में हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। 14 जुलाई को 100 संगठन के 50 हजार लोग इस आयोजन में शामिल होने जा रहे हैं। इनमें डॉक्टरों की टीम, समन्वयक, पार्षदगण, युवा मोर्चा, बीएसएफ, सेना प्रशिक्षण स्कूलों के स्वयंसेवकों की टीम, एनएसएस और एनसीसी कैडेट्स, कॉलेज छात्र, धार्मिक, सांस्कृतिक और गैर सरकारी संगठन के लोग तैनात रहेगें, जो व्यवस्था संभालने के साथ व्यवस्थित तरीके से पौधारोपण में मदद करेगें। पौधारोपण के लिए 10 हजार से अधिक कटर, पानी के डिब्बे, फावड़े, सहायक उपकरण, टी-शर्टस, कैप्स आदि नागरिकों को वितरित किए जाएंगे। इसके साथ प्रत्येक दो घंटे में 5 से 10 हजार लोगों की टीम रिप्लेस होगी।
9 झोन और 100 सबझोन बनाए
शहर में पहली बार होने जा रहे इतने बड़े स्तर के पौधारोपण अभियान को लेकर रेवती रेंज को 9 झोन और 100 सबझोन में बांटा गया है, ताकि सब अपने-अपने झोन में जाकर पौधारोपण करें। कल सभी को मंत्री विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने-अपने झोन भी दिखाए। सभी अपने-अपने झोन में ही रहेंगे, ताकि भीड़भाड़ की स्थिति निर्मित न हो। वे कहां से आएंगे और किधर से बाहर जाएंगे, इसकी जानकारी भी दी गई है।
सवा लाख बड़े पेड़ लगेंगे
आयोजन स्थल पर 1 लाख 21 हजार बड़े पेड़ लगाए जाएंगे और 4 लाख 50 हजार छोटे पेड़ लगाए जाएंगे। इनकी सिंचाई करने की व्यवस्था भी की गई है, ताकि पौधे जिंदा रह सके। वैसे जो पौधे लगाए जा रहे हैं, उनका सर्वाइकल रेट 90 प्रतिशत है। नगर निगम की पानी की टीम, स्वच्छता की टीम, उद्यान विभाग की टीम भी इस आयोजन में लगी हुई है।
विजयवर्गीय समाज ने भी रोपे पौधे
अखिल भारतीय विजयवर्गीय वैश्य समाज द्वारा भी इस महाभियान के दौरान कल एमआर 10 पर पौधारोपण किया गया। समाज के हरीश विजयवर्गीय ने बताया कि महासभा अध्यक्ष महेशजी की मौजूदगी में पौधारोपण का आयोजन किया गया, वहीं विजयवर्गीय समाज की स्थानीय इकाई 14 जुलाई को इस अभियान का हिस्सा बनेगी और पूरे देश में समाज जहां-जहां भी पौधारोपण अभियान हो रहा है वहां एक पेड़ मां के नाम लगाएगा।
भोजन में मिलेगी देसी घी की पुरी
आयोजन स्थल पर जो लोग आएंगे, उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए रेवती रेंज पहाड़ी के चारों ओर चार डोम बनाए गए हैं, जहां भोजन स्टॉल रहेंगे। भोजन व्यवस्था देख रहे पूर्व विधायक संजय शुक्ला ने बताया कि सुबह 6 बजे से 9 बजे तक वालों को आलूबड़ा, पोहे और चाय दी जाएगी, वहीं बाद में जब भोजन शुरू होगा तो उसमें देसी घी की पुरी, सब्जी, सेंव, खिचड़ी, लौंजी और मोतीपाक खिलाए जाएंगे। एक डोम में संजय शुक्ला, दूसरे में विशाल पटेल, तीसरे में जीतू जिराती और चौथे में पूर्व पार्षद जयदीप जैन की टीम व्यवस्था देखेगी। भीड़ न हो, इसके लिए पहाड़ी के चारों ओर व्यवस्था रखी गई है। एक डोम में 100 वेटर भी रहेंगे, वहीं नगर निगम के कर्मचारियों के भोजन के लिए पैकेट व्यवस्था रखी गई है। हर डोम के पास गीत-संगीत का मंच भी होगा, जिस पर शहर के कलाकार भजन, देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे।
रेवती रेंज में बनाई अस्थायी नर्सरी
यहां एक अस्थायी नर्सरी भी बनाई गई है, जहां इन पौधों को रखा गया है। पिछले तीन सप्ताह से यहां पौधे लाने का काम चल रहा है। अनुभवी कर्मचारियों की देखरेख में इन पौधों को सहेजा गया है।
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