भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 (Global Investors Summit-2025) के दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को ‘अनलॉकिंग लैंड वैल्यू इन सिटीज’ सेशन आयोजित किया गया. इस सेशन में शहरों के विकास पर मंथन किया गया. इस सेशन में चर्चा किया गया कि प्रदेश की मोहन सरकार इंदौर को दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. जबकि पूरे प्रदेश को इंदौर की तरह बनाना है. इतना ही नहीं मेट्रोपॉलिटन कॉन्सेप्ट के आधार पर कई जिलों को आपस में जोड़कर और बड़ा किया जाएगा.
इस सेशन में हरियाणा के पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहे. सेशन में सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हमने कई सेक्टर में काम करने का संकल्प लिया. हमने रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव और इंवेस्टर समिट की. इस दौरान प्रदेश में रोजगार, उद्योग और निवेश का वातावरण बनाने का प्रयास किया. यह प्रयोग बहुत अच्छा रहा.
इनकी वजह से हमें कई तरह के लाभ मिले. इन सबके बीच हमें पता चला कि राज्य के छोटे से छोटे स्थान पर भी इंवेस्टर समिट हो सकती है. इससे हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ा. हमें पता चला कि नर्मदापुरम जैसी छोटी जगह पर भी निवेश की उम्मीदें हैं. सीएम मोहन यादव ने कहा कि कुछ समय पहले हम रिन्यूएबल एनर्जी के उपकरण निर्माण उद्योग के भूमि पूजन के लिए नर्मदापुरम के मुहासा-बाबई गए थे.
यहां जब हम औद्योगिक केंद्र का भूमि पूजन कर रहे थे, तो उस वक्त 200 एकड़ जमीन थी. हमारा कार्यक्रम चालू ही था कि 400 एकड़ और जमीन की मांग आ गई. इस तरह जमीन की 800 एकड़ हो गई. हमने जब इस मांग को पूरा किया, तो पता चला कि 800 एकड़ जमीन की और मांग आ गई. यही छोटी-छोटी जगहों पर इंवेस्टर समिट करने का फायदा है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इंदौर को दिल्ली-मुंबई की तरह बनाना है और बाकी प्रदेश को इंदौर की तरह बनाना है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने निवेश का और काम करने का माहौल बना दिया है. हम मेट्रोपॉलिटन कॉन्सेप्ट के आधार पर आसपास के जिलों को जोड़ेंगे. भविष्य में इंदौर-उज्जैन-देवास-शाजापुर-पीथमपुर (धार) को जोड़कर इंडस्ट्रियल सेंटर की कल्पना की है.
इस तरह सब मिलाकर लगभग 8000 किलोमीटर का पूरा क्षेत्र मिलाने की योजना है. मेट्रोपॉलिटन की कल्पना में मामले को कानूनी पेंच में उलझाने की बजाए एक आउट लाइन तय की है. रोड-रेलवे-बिजली-पानी-सीवर लाइन जैसी सुविधाएं मुहैया कराएंगे. इस तरह 25 सालों में इस क्षेत्र को महानगर के रूप में विकसित करेंगे. इसी तरह भोपाल-सीहोर-विदिशा-रायसेन-नर्मदापुरम का एक हिस्सा मिलाए जाने की कल्पना है.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दुनिया भर में शहरों की आबादी बढ़ती जा रही है. 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें शहरों की भावी आवश्यकताओं को देखते हुए हुए विकास की नीतियां बनानी होंगी. उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव के प्रयासों की तारीफ की.
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरह प्रदेश में निवेश हो रहा है उससे लग रहा है कि राज्य अग्रणी होगा. शहरीकरण देश की जरूरत है. 2047 तक हमारी जनसंख्या बढ़ेगी. चूंकि, हमें कल का प्रदेश बनाना है, इसलिए उस पर चिंतन करना जरूरी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सिर्फ दो दिन में 18 नई पॉलिसियों को मंजूरी दी गई. इन पॉलिसियों से प्रदेश का चहुंओर विकास होगा.
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