इंदौर। नगर निगम (Municipal Corporation) द्वार शहरभर में विभिन्न स्थानों पर शुरू किए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) (एसटीपी) से निकलने वाली गाद का निपटारा करने के लिए अब प्लांट में ही खाद बनाने की प्रोसेसिंग शुरू की जाएगी। इसके लिए गुजरात की एक कंपनी से करार किया गया है। आने वाले दिनों में इस पर कार्य शुरू होगा।
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक शहरभर में करीब दस से ज्यादा स्थानों पर एसटीपी (STP) शुरू कर दिए गए हैं। मुख्य प्लांट कबीटखेड़ी में बनाया गया है, जहां प्रतिदिन बड़े पैमाने पर एसटीपी के पानी को साफ करने का सिलसिला जारी है। वहीं एसटीपी के पानी का उपयोग निगम द्वारा कई अन्य कार्यों में किया जा रहा है। इसके लिए कुछ अलग से टंकियां बनाने का सिलसिला जारी है। वहीं एसटीपी से साफ किया गया पानी खेतों में फसलों के लिए उपलब्ध कराए जाने के लिए लाइनें बिछाई जा रही है।
नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि अब एसटीपी से निकलने वाली गाद से प्लांट में ही खाद बनाई जाएगी और इसके लिए आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी गुजरात के साथ करार किया गया है और एक अन्य बायो एनपी के साथ भी करार हुआ है। इस करार के तहत आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा एसटीपी से निकलने वाली गाद से खाद बनाने हेतु बायोफर्टिलाइजर यूनिट की स्थापना कबीटखेड़ी में की जाएगी। वहां लिक्विड बायो एनपी केमिकल लैब में खाद बनाने की तकनीकी यूनिवर्सिटी द्वारा की जाएगी, जिससे एसटीपी से निकलने वाली गाद को रेडिएशन से ट्रीट कर पैकिंग के उपरांत बायो एनपी का छिडक़ाव कर उच्च गुणवत्ता की खाद का निर्माण किया जाएगा। खाद का उपयोग किसान कृषि कार्यों के लिए कर सकेंगे, वहीं रहवासियों द्वारा भी अपनी छतों पर व बालकनी में लगाए गए पौधों और टैरेस गार्डन पर किया जा सकेगा। इसके बाद भी जो खाद बचेगी, उसका व्यापार प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों के लिए किया जा सकेगा। इसके लिए बाकायदा खाद, बीज व्यापारियों से निगम द्वारा चर्चा की जा रही है। आने वाले दिनों में इसका प्लांट कबीटखेड़ी में शुरू हो रहा है।
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