प्रधानमंत्री के चक्कर में बिना तैयारी कर दिया उद्घाटन, अब पार्किंग सहित अन्य सुविधाओं के लिए तरस रहे श्रद्धालु, महाराष्ट्र, गुजरात से भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं लोग
इंदौर। अभी दीपावली (Dipwali) की छुट्टियों के चलते गुजरात, महाराष्ट्र (Gujrat & Maharashtra) सहित प्रदेशभर के श्रद्धालु उज्जैन (Ujjain) के नवनिर्मित श्री महाकाल लोक को निहारने पहुंच रहे हैं, जहां पर एक लघु सिंहस्थ जैसा नजारा दिख रहा है। कल भी 2 लाख श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे, जिसके चलते परिसर के चारों तरफ जाम तो लगा ही, वहीं पार्किंग के लिए भी परेशानी उठाना पड़ी। इंदौर-उज्जैन फोरलेन पर भी जाम की स्थिति रही। सबसे ज्यादा दिक्कत दोनों टोल नाकों पर भी हो रही है, जहां वाहनों की लम्बी कतारें लग रही हैं।
350 करोड़ रुपए की राशि पहले चरण में इस भव्य और अलौकिक कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च की गई है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया। नतीजतन हड़बड़ी में श्रद्धालुओं से संंबंधित कई मूलभूत सुविधाओं का कॉरिडोर में अभाव है, वहीं इतनी संख्या में उमडऩे वाली भीड़ को लेकर भी ट्रैफिक-पार्किंग सहित अन्य कोई मैनेजमेंट नहीं किया गया। इंदौर से उज्जैन फोरलेन पर तो वाहनों की भीड़ बढ़ी ही, सबसे ज्यादा मुसीबत उज्जैन पहुंचने के बाद कॉरिडोर तक पहुंचने की है, क्योंकि वहां के रास्ते अभी भी संकरे हैं और पार्किंग से लेकर अन्य व्यवस्थाएं जुटाने में भी समय लगेगा। कॉरिडोर के दूसरे चरण में चौड़ी सडक़ों, पार्किंग से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जाना है, मगर प्रधानमंत्री के चक्कर में आधी-अधूरी तैयारियों के साथ कॉरिडोर खोल दिया गया। नतीजतन अब यातायात जाम से लेकर श्रद्धालुओं को लम्बी दूरी की यात्रा पैदल करना पड़ रही है, तो कॉरिडोर के अंदर भी टॉयलेट से लेकर खानपान या अन्य सुविधाओं का भी अभी अभाव है, क्योंकि इन सबकी टेंडर प्रक्रिया फिलहाल जारी है। वैसे भी कॉरिडोर के निर्माण में भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे और लोकायुक्त के समक्ष कल ही अधिकारियों की पेशी भी हुई, जिसके चलते अब बिना टेंडर किसी भी तरह का ठेका नहीं दिया जाएगा। गुजरात, महाराष्ट्र सहित इंदौर और प्रदेशभर के लोग बड़ी संख्या में लोग उज्जैन पहुंच रहे हैं। आज शनिवार और कल रविवार को भी बेतहाशा भीड़ रहेगी।
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