इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) शहर में तो आ ही रहा है, वहीं मुख्यमंत्री (Chief Minister) की मंशा अनुरूप जहां इंदौर-उज्जैन (Indore-Ujjain) के बीच वंदे मेट्रो (Vande Metro) दौड़ाई जाएगी तो उसके अलावा एलिवेटेड कॉरिडोर (Elevated Corridor) पर भी लाइट मेट्रो चलाई जाएगी। इसकी भी घोषणा इंदौर में ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने की थी और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इसके लिए सर्वे भी किया और उसकी रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी और 47 किलोमीटर इसकी दूरी रहेगी, जिसमें 8 स्टेशन बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने हालांकि सिंहस्थ-2028 के पहले मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा करने की घोषणा की है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अगर वाकई सिंहस्थ के पहले इंदौर-उज्जैन के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर पर मेट्रो दौड़ाना है तो अभी से तेज रफ्तार के साथ इस पर काम करना होगा। हालांकि केन्द्र सरकार से भी इसकी मंजूरी लेना पड़ेगी और साथ ही जो खर्च होने वाली 10 हजार करोड़ की राशि है उसका बंदोबस्त भी करना पड़ेगा। अभी जो इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहा है उसके लिए भी केन्द्र ने अनुमति दी और फिर एशियन विकास बैंक ने लोन दिया है। यानी एलिवेटेड कॉरिडोर पर मेट्रो चलाने के लिए अभी कई अनुमतियां लेना पड़ेगी और तुरंत टेंडर की प्रक्रिया के साथ काम शुरू करना पड़ेगा। यह एलिवेटेड कॉरिडोर इंदौर-उज्जैन के बीच जो वर्तमान फोर लेन है इसे अब सिक्स लेन में परिवर्तित किया जा रहा है, उस पर निर्मित होगा। यानी भौंरासला से लेकर नानाखेड़ा तक यह एलिवेटेड कॉरिडोर मेट्रो के लिए निर्मित होगा, जो कि 47 किलोमीटर का रहेगा और उसके बीच में 8 स्टेशन भी बनेंगे। कुछ समय पूर्व दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को इसके सर्वे की जिम्मेदारी दी गई थी और पिछले दिनों भी इस टीम ने इंदौर-उज्जैन आकर अपने सर्वे के कार्य को पूरा किया और कल भोपाल में सिंहस्थ के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति की जो बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उस पर इस प्राप्त सर्वे पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा मौजूदा इंदौर-उज्जैन के बीच जो रेल लाइन बिछी है उस पर वंदे मेट्रो चलाने की भी घोषणा की जा चुकी है। हालांकि यह काम तो सिंहस्थ के पहले आसानी से हो जाएगा, क्योंकि इसके लिए सिर्फ नई ट्रेन ही चलाना पड़ेगी। स्टेशन से लेकर सभी सुविधाएं पहले से मौजूद है। अलबत्ता एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए अवश्य समय लगेगा। हालांकि इंदौर-उज्जैन के बीच लाइट मेट्रो अगर चलती है तो उसका अत्यधिक फायदा मिलेगा। इंदौर को अभी मुख्यमंत्री ने मेट्रो पॉलिटन रीजन के रूप में भी विकसित करने की घोषणा की है, जिसमें उज्जैन, धार, पीथमपुर, देवास को भी शामिल किया जा रहा है। वहीं इंदौर-उज्जैन रोड पर तेजी से आवासीय कॉलोनियां भी विकसित हो रही है। मेट्रो सुविधा मिलने से अपडाउन करने वालों को भी आसानी होगी।
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