इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) में एमबीए (MBA) प्रथम सेमेस्टर के दो पेपर लीक (Paper Leak) होने के बाद अब कहीं जाकर प्रबंधन ने इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है. कांग्रेस (Congress) नेता विवेक खंडेलवाल और गिरीश नागर के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर मामले में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर की मांग की थी. पुलिस को यह शिकायत विश्वविद्यालय द्वारा कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद की गई.
कांग्रेस नेताओं ने इस प्रकरण में तीन से चार कॉलेजों के प्रबंधन की संलिप्तता का दावा करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को मामले की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय समिति को लिखित में शिकायत देने का सुझाव दिया है. वहीं विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आश्वासन देने के बाद ही विरोध समाप्त हुआ.
विवेक खंडेलवाल ने कहा कि हम लंबे समय से विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों को बता रहे हैं कि पेपर नियमित रूप से लीक हो रहे हैं, लेकिन वो हमारी बात नहीं सुन रहे हैं. हमारे द्वारा सबूत साझा करने के बाद ही विश्वविद्यालय ने लीक की कड़वी सच्चाई को स्वीकार किया. अब हम आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. खंडेलवाल ने कहा कि उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि विश्वविद्यालय ने पेपर लीक की घटना के 36 घंटे बाद भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाई थी.
बता दें एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दो विषयों के पेपर परीक्षा से पहले लीक हो गए थे. इधर सूत्रों ने दावा किया कि पेपर लीक कांड तब सामने आया जब छात्रों को पता चला कि मंगलवार को होने वाला अकाउंटिंग फॉर मैनेजर्स का पेपर परीक्षा समय से 15 से 16 घंटे पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक हो चुका था. बाद में यह भी पता चला कि 25 मई को आयोजित कंटीन्यूअस टेक्नोलोजी विषय का पेपर भी लीक हो गया था. इधर अप्रत्याशित कारणों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय ने दोनों विषयों की परीक्षाएं रद्द कर दी थी.
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