विकाससिंह राठौर, इंदौर। लोगों को कानून का पाठ पढ़ाने वाली इंदौर की ट्रैफिक पुलिस खुद कानून नहीं जानती है। यह बात शहर के विधि विशेषज्ञ कह रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा आज शहर में बकाया ट्रैफिक चालानों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर में पांच हजार से ज्यादा चालान के नोटिस जारी किए गए हैं। लेकिन इनमें जिन धाराओं का उल्लेख है वे धाराएं मोटर व्हीकल एक्ट तो क्या देश के किसी कानून में मौजूद ही नहीं है। जिसके कारण विधि विशेषज्ञ इन्हें फर्जी चालान बताते हुए मुख्य अदालत में इन्हें ले जाने की बात कह रहे हैं।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की जाती है। मौके पर पकड़े जाने पर तुरंत जुर्माना वसूलने से लेकर वाहनों को जब्त करना और लाइसेंस निरस्ति तक की कार्रवाई होती है। वहीं ट्रैफिक सिग्नलों पर लगे कैमरों के माध्यम से रिकार्ड की जाने वाली गलतियों के लिए पुलिस द्वारा ऑनलाइन चालान जारी किए जाते हैं। इस लोक अदालत में ज्यादातर चालान ऐसे ही हैं, जिन्हें कैमरों के माध्यम से गलती पाए जाने पर दर्ज किया गया था। जब चालान को वाहन मालिकों द्वारा समय पर नहीं भरा गया तो पुलिस ने आज लगने वाली लोक अदालत में इन पेंडिंग प्रकरणों के निराकरण के लिए शामिल करते हुए वाहन मालिकों को नोटिस तामील किए हैं। ऐसे प्रकरणों की संख्या पांच हजार से ज्यादा है। लेकिन इन नोटिसों में जिन धाराओं का उल्लेख है वे मोटर व्हीकल एक्ट में रहीं मौजूद ही नहीं है।
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 10606 में तोड़ा नियम, भरो 800 रुपए जुर्माना –
अधिवक्ता सुदर्शन पटवारी ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए कई ऐसे नोटिस सामने आ चुके हैं, जिन पर ऐसी धाराएं लिखी हैं, जो किसी कानून में मौजूद नहीं है।
– एक चालान में वाहन मालिक मुकेश कुशवाह को कहा गया है कि आपके विरुद्ध धारा 10606 मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत 800 रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
– एक अन्य नोटिस में वाहन चालक को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 5181 में नियम तोड़ने पर 500 रुपए का चालान लगाया गया है।
– एक नोटिस में वाहन मालिक धर्मेंद्र सिंह को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 946 में नियमत तोड़ने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
धारा 177 से 198 में ही जुर्माने की व्यवस्था, फर्जी मामलों को रखेंगे कोर्ट के सामने –
एडव्होकेट जीतेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए जिन धाराओं का उल्लेख है वो मोटर व्हीकल एक्ट तो क्या देश के किसी कानून में मौजूद नहीं है। मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने के प्रावधान सिर्फ धारा 177 से लेकर 198 तक ही मौजूद है। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट की किसी अन्य धारा में जुर्माने की कोई व्यवस्था ही नहीं हैं। लेकिन ज्यादातर चालान इनमें से किसी धारा में नहीं है। इसे देखते हुए पुलिस के इन फर्जी चालानों को हम हाईकोर्ट के सामने रखते हुए इन्हें अवैध घोषित करवाने के लिए प्रकरण पेश करेंगे।
कोर्ट को भी दे दी गलत जानकारी –
लोक अदालत के लिए सभी नोटिस जिला न्यायालय के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के नाम से जारी किए गए हैं। नोटिसों में सचिव के साइन और सील भी अंकीत है। इस तरह से साफ है कि ट्रैफिक पुलिस ने कोर्ट को भी गलत जानकारी देते हुए गलत धाराओं ने कोर्ट के नाम से ही नोटिस जारी करवा दिए हैं।
इन धाराओं में जारी होने थे चालान –
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि जो चालान जारी किए गए हैं, वे रेड लाइट, तीन सवारी और हेलमेट को लेकर हैं। ऐसी स्थिति में वाहन चालक मोटर व्हीकल एक्ट की सिर्फ तीन धाराओं का उल्लंघन करता है और इनके लिए तीन अलग धाराओं में जुर्माने की व्यवस्था है।
रेड लाइट जंप – धारा 119 का उल्लंघन, धारा 177 में 500 रुपए का जुर्माना
तीन सवारी – धारा 128 का उल्लंघन, धारा 177 (घ) में 500 रुपए का जुर्माना
बिना हेलमेट – धारा 129 का उल्लंघन, धारा 194 (घ) में 300 रुपए का जुर्माना
यह टाइपिंग मिस्टैक, गलती करने वालों को दी जाएगी सजा –
ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोक अदालत के लिए जो नोटिस जारी किए हैं वे वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में ही है। नोटिस में गलत धाराओं का उल्लेख होना टाइपिंग की गलती हो सकती है। हम ट्रैफिक रिकार्ड से इनका मिलान करेंगे। साथ ही गलत धाराओं में नोटिस जारी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सजा भी दी जाएगी। वाहन मालिक लोक अदालत में आकर अपने चालान देखकर इनका निराकरण कर सकते हैं। – मनीष अग्रवाल, ट्रैफिक डीसीपी, इंदौर
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