9 लाख 8 हजार 545 को लाभ दिलाकर शहर बना अव्वल
दूसरे नंबर पर गुना…तीसरे नंबर पर जबलपुर की बारी
इंदौर । सुन लो कलेक्टरों (Collectors)…कहकर प्रदेश के सभी जिलों के मुखियाओं को चेतावनी देने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने तीन दिन पहले आयुष्मान योजना (Ayushyaman Yojana) पर सर्वाधिक काम कर एक-एक व्यक्ति के कार्ड बनाने और उन्हें कोरोना काल में इलाज का लाभ दिलाने की जो चेतावनी दी थी उसका सबसे अव्वल टारगेट हासिल करते हुए इंदौर अपने 77 प्रतिशत लोगों के न केवल कार्ड बना चुका है, बल्कि उन्हें कोरोना की इस विषम परिस्थिति में योजना का लाभ दिलाने में कामयाब भी रहा है। पूरे प्रदेश में यह टारगेट जहां 51 प्रतिशत पर पहुंचा, वहीं गुना दूसरे नंबर पर रहकर 66 प्रतिशत काम पूरा कर चुका है, जबकि जबलपुर 65 प्रतिशत रहकर गुना की होड़ में है।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) द्वारा आयुष्मान कार्डधारियों (Ayushyaman card holders) के लिए यह सुविधा दी है कि अगर वे कोरोना संक्रमित होते हैं तो उनका अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। अपनी इस योजना का लाभ पूरे प्रदेश के लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने तीन दिन पहले सभी कलेक्टरों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि आयुष्मान योजना के तहत आने वाले शत प्रतिशत लोगों के कार्ड बनाए जाएं और यदि इसमें कोई चूक हुई तो कलेक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के भडक़ने का कारण यह है कि पूरे प्रदेश में अभी तक मात्र 51 प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बन सके हैं, लेकिन इस काम में भी इंदौर ने पूरे प्रदेश में अव्वल आते हुए 77 प्रतिशत लोगों के कार्ड बनाकर अपनी प्रशासनिक क्षमता साबित कर दी। इंदौर जिले में 11 लाख 74 हजार 252 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का टारगेट है, जिनमें से 9 लाख 8 हजार 545 लोगों के कार्ड बना दिए गए हैं, जिनमें इंदौर जिले की महू तहसील के कुल 176 गांवों में 32 हजार 330, देपालपुर में 176 और सांवेर तहसील के 145 गांव में कुल 90 हजार 110 लोगों के कार्ड बनाए गए। शेष कार्ड इंदौर शहर में बने। अब केवल 2 लाख 65 हजार 702 कार्ड बनना बाकी हैं। यह काम भी यकायक कोरोना महामारी के चलते रुक गया, वरना अब तक शहर शत प्रतिशत कामयाबी हासिल कर लेता।
पौने 5 करोड़ कार्ड बनाना हंै… 51 ‘ टारेगट ही पूरा कर पाया प्रदेश
प्रशासन के रिकॉर्ड अनुसार पूरे मध्यप्रदेश में पौने पांच करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड (Ayushyaman card) बनाने का टारगेट दिया गया है, जिसमें से अभी तक मात्र 51 प्रतिशत ही टारगेट पूरा हो पाया है। प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार प्रदेश में 4 करोड़ 70 लाख 19 हजार 164 कार्ड बनना हैं, जिनमें से 2 करोड़ 28 लाख 35 हजार 695 कार्ड बनना बाकी हैं। पूरे प्रदेश में इंदौर जिले ने सक्रियता दिखाते हुए पूरे प्रदेश में अव्वल रहकर 77 प्रतिशत कार्ड बनाए हैं, वहीं दूसरे नंबर पर गुना तथा तीसरे नंबर पर जबलपुर जिला रहा है। गुना में 66 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है। इस जिले में 8 लाख 7 हजार 222 का टारगेट है, जिनमें से 2 लाख 72 हजार 521 कार्ड बनना बाकी हैं। तीसरे नंबर पर जबलपुर की बारी है, जहां 65 प्रतिशत कार्ड बने हैं। यहां कुल टारगेट 11 लाख 93 हजार 198 का है, जिनमें से 4 लाख 41 हजार 203 कार्ड बनना शेष हैं।
इंदौर में 315 रोजगार सहायकों को सौंपी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इंदौर में शत प्रतिशत पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड (Ayushyaman card) बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र ने बताया कि जिले के कुल 315 रोजगार सहायकों के आईडी बना दिए गए हैं। वे बैंकों में आने वाले किसानों व अन्य लोगों के अपनी आईडी के जरिए पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं। पिछले माह इंदौर जिले में कुल 386 पात्र लोगों के कार्ड बनाए गए। इंदौर जिले में जो टारगेट है, उसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीटी स्कैन से लेकर ऑक्सीजन व रेमडेसिविर तक मुफ्त
आयुष्मान कार्ड (Ayushyaman card) वाले लोगों को सीटी स्कैन से लेकर दवाइयां, ऑक्सीजन व रेमडेसिविर तक नि:शुल्क मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश दिए हैं कि वे शत प्रतिशत कार्ड बनाने के लिए सक्रियता से कार्य करें। इंदौर में 68 निजी अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। सरकार की इस पहल से गरीबों को इलाज के लिए कहीं नहीं भटकना पड़ेगा। इलाज के एवज में निजी अस्पतालों को विशेष पैकेज दिया जाएगा।
73 इंदौरी अस्पताल जुड़ गए अभी तक आयुष्मान योजना से
आयुष्मान योजना (Ayushyaman Yojana) के तहत निजी अस्पतालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दो दिन पहले तक जहां 12 अस्पताल ही थे, वहीं कल रात तक इनकी संख्या बढक़र 73 हो गई है। वहीं 600 से अधिक पात्रों को कोरोना का इलाज नि:शुल्क भी मिलने लगा है। कलेक्टर मनीष सिंह ने शासन के मिले नए निर्देशों के तहत आयुष्मान योजना (Ayushyaman Yojana) के तहत पात्र लोगों को लाभ दिए जाने के आदेश जारी किए और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। अपर कलेक्टर पवन जैन को इसका जिम्मा सौंपा है। उन्होंने बताया कि पूर्व के 7 हॉस्पिटल किसी ना किसी विशेषज्ञता में आयुष्मान योजना के तहत संबद्ध थे, लेकिन अभी कोरोना के लिए एम 02 कैटेगरी बनाई है, जिसमें इनके अलावा अन्य निजी अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। अस्थायी रूप से आगामी तीन माह के लिए कोरोना इलाज हेतु ये निजी अस्पताल जोड़े जा रहे हैं, जिनकी संख्या 73 हो गई है। किसी भी हितग्राही के पास अगर कार्ड है या पात्रता पर्ची अथवा संबल योजना का कार्ड, उसे इस योजना का लाभ मिलेगा और सभी अस्पतालों के साथ-साथ फीवर क्लीनिक पर आयुष्मान कार्ड की हेल्प डेस्क भी बनाई है और शिकायतों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त है। लगातार अस्पतालों के साथ लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है।
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