निगमायुक्त ने दिखाया काम का जज्बा और जुनून
इंदौर। एक तरफ नगर निगम का अमला लगातार शहर को स्वच्छ करने में जुटा रहता है। अभी कडक़ड़ाती ठंड में भी सफाईकर्मी रात को शहर के प्रमुख बाजारों को साफ-सुथरा कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ निगमायुक्त प्रतिभा पाल में भी अपने काम के प्रति गंभीरता, जज्बा और जुनून नजर आया। शनिवार शाम तक वे निगम अधिकारियों की बैठक लेती रहीं और रविवार को उन्होंने बेटे को जन्म दिया।
इंदौर लगातार चार बार स्वच्छता में नम्बर वन रहा है और अब पांचवीं बार के लिए भी उसका दावा पुख्ता है। वहीं पहली बार निगमायुक्त ने वॉटर प्लस-प्लस सर्वे में भी गंभीरता दिखाई और कचरा संग्रहण शुल्क में भी पहली बार 90 फीसदी से अधिक अभी 31 दिसम्बर तक जनता से वसूल कर लिया गया, जिसमें निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपने-अपने घरों का कचरा शुल्क जमा करवाया और इसमें प्रशासन के अधिकारियों ने भी अपना पूरा सहयोग किया, जिसके चलते अब नगर निगम का सेवन स्टार रेटिंग के लिए भी दावा पुख्ता हो गया है और अगर यह रेटिंग इंदौर निगम हासिल करता है तो वह भी देश का पहला ऐसा नगर निगम होगा, जिसके चलते निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने लगातार नदी-नालों में मिलने वाले आउटफॉल्स को बंद करवाया और वे निरंतर दौरे भी करती रही। यहां तक कि अभी शनिवार को उन्होंने शाम तक अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें रात्रिकालीन सफाई से लेकर शहर में चल रहे विकास कार्यों पर उन्होंने दिशा-निर्देश दिए और रात तक भी वे मोबाइल पर अफसरों के सम्पर्क में रहीं और उसके अगले ही दिन यानी रविवार दोपहर उन्होंने बेटे को जन्म दिया। यानी इस दौरान उन्होंने एक दिन भी अवकाश नहीं लिया और निरंतर अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभाती रहीं। काम के प्रति यह अनूुठा जज्बा और जुनून नि:संदेह प्रशंसनीय है, जबकि शासन द्वारा लम्बी दी जाती है, लेकिन निगमायुक्त श्रीमती पाल ने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली और जल्द ही काम पर भी वापस लौट आएंगी।
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