• img-fluid

    INDORE : रात से लेकर सुबह तक तीन की मौत

  • December 16, 2020


    परिजन का आरोप… एमटीएच अस्पताल में कमीशनखोरी के इंजेक्शन से गई जान, हंगामा
    इंदौर। रात से लेकर सुबह तक सेंट्रल कोतवाली थाने के सामने स्थित एमटीएच अस्पताल में दो लोगों सहित एक किशोर की मौत के बाद सुबह परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया और अस्पताल प्रबंधन पर कमीशनखोरी और लापरवाही का आरोप लगाते हुए भड़ास निकाली। परिजनों का कहना था कि कल शाम तक तीनों बात कर रहे थे, खाना खा रहे थे, फिर कैसे मौत हो गई? पांच-पाच हजार के इंजेक्शन के बाद मौत हुई है। यह साफ नहीं हुआ है कि तीनों कोरोना के मरीज थे या नहीं, पर उक्त अस्पताल में कोरोना मरीजों को ही भर्ती किया जाता है।

    अमोनिया मंडी के रहने वाले 45 साल के देवीसिंह, खरगोन जिले के 15 वर्षीय पवन पिता गणेश और एक अन्य अधेड़ की सुबह मौत की खबर उनके परिजनों को अस्पताल प्रबंधन ने दी। बताया जा रहा है कि देवीसिंह को 11 तारीख को अस्पताल में रैफर किया था। उन्हें सांस की तकलीफ थी। परिजन का कहना है कि उन्हें कोरोना नहीं था। अस्पताल वालों ने 5-5 हजार के इंजेक्शन बाहर से बुलाए और लगवाते रहे। किसी भी परिजन को मिलने नहीं दिया जा रहा था। कल शाम को ही उन्होंने खाना खाया और सुबह अस्पताल वाले फोन लगाकर बोल रहे हैं कि उनकी तो मौत हो गई। पवन के परिजन ने बताया कि उसे पैर में पस पड़ गया था। शहर के आरके अस्पताल में इलाज चल रहा था, जिसके बाद यहां रैफर किया गया। कल शाम को पवन भी बातचीत कर रहा था। सुबह एकाएक उसकी मौत की खबर दी गई। वह नौवीं क्लास का छात्र था। तीसरे अधेड़ उम्र के शख्स के परिजन को भी सुबह 5 बजे अस्पताल वालों ने फोन लगाया और मौत की खबर देते हुए कहा कि उनके शव को एमवाय अस्पताल पहुंचा दिया है। परिजन का आरोप है कि अस्पताल वाले कमीशनखोरी के चक्कर में 5-5 हजार के इंजेक्शन बाहर से बुलवाकर जबरदस्ती लगवा रहे हैं। डॉक्टरों से इंजेक्शन के बारे में पूछा तो कहने लगे कि इससे मरीज ठीक होता है। जिनकी मौत हुई है उनके परिजन कोरोना संक्रमण उनमें नहीं होने की बात कह रहे थे। परिजनों के हंगामे को देखते हुए अस्पताल के गेट को बंद कर दिया गया। सेंट्रल कोतवाली थाने की पुलिस भी मौके पर तैनात हो गई।

    अधीक्षक बोले – तीनों गंभीर अवस्था में आए थे, परिजनों ने जो नंबर दिए वो बंद थे
    डॉक्टरों की लापरवाही और हंगामे को लेकर जब एमवाय अस्पताल के अधीक्षक पीएस ठाकुर से बात की गई तो उनका कहना था कि अस्पताल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है। जो उपचार दिया जाना चाहिए वही दिया गया। देवीसिंह की हालत पहले से नाजुक थी। पवन भी आईसीयू में भर्ती था। एक अन्य अधेड़ की हालत भी चिंताजनक थी। रहा सवाल परिजनों को खबर देने का तो उन्होंने जो नंबर लिखवाए थे वे बंद आ रहे थे। इस विषय में ठाकुर ने ड्यूटी डॉक्टरों से भी बात की थी। तीनों मरीज संक्रमित थे अथवा नहीं इसकी जानकारी अभी अधीक्षक को नहीं थी।

    भाई की मौत के बाद मासूम फूट-फूटकर रोने लगी
    खरगोन जिले के रहने वाले गणेश का एक लौटा बेटा था पवन। उसकी एक बहन भी है। जो अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए फूट-फूट कर रो रही थी। वह कह रही थी कि अस्पताल वालों की लापरवाही ने उससे उसका मासूम भाई छीन लिया। परिजन ने बताया कि पवन मिन्नतों के बाद हुआ था। परिजन इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से भी शिकायत करने वाले है। उनका कहना था कि मौत के जिम्मेदार डॉक्टरों पर न सिर्फ विभागीय कार्रवाई की जाए, बल्कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली जाए। फिलहाल तीनों शवों को एंबुलेंस की मदद से एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया है। हालाकि लिखे जाने तक एमटीएच अस्पताल के बाहर ही हंगामा कर रहे थे। वे अस्पताल के अंदर घुसने की कोशिश भी कर रहे थे।

    Share:

    किसानों ने अब जाम किया चिल्ला बॉर्डर, दिल्ली-नोएडा जाना होगा मुश्किल

    Wed Dec 16 , 2020
    नई दिल्ली। सिंघू और टिकरी बार्डर की तरह अब चिल्ला बार्डर और यूपी गेट पुरी तरह जाम होगा। इस बात की चेतावनी किसान संगठनों ने दी है। मंगलवार को किसानों की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया 20 दिनों से सरकार ने कोई सुध नहीं ली है। हम लोगों ने आम लोगों की परेशनियों को […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved