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    इंदौर : फिटनेस टेस्ट करवाने पहुंची गाड़ी को तीन दिन बाद किया फेल, बना दिया 1970 का मॉडल

  • August 05, 2024

    परेशान वाहन मालिक ने कंपनी और आरटीओ ऑफिस में की शिकायत, ऑटोमेटेड के नाम पर घटिया फिटनेस सेंटर

    इंदौर, विकाससिंह राठौर।
    परिवहन विभाग (transport Department) द्वारा आधुनिकीकरण (modernization) के नाम पर वाहनों के फिटनेस (fitness) का काम निजी हाथों में सौंप दिया है। इसके कुछ ही दिनों में अब इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर (ATS) द्वारा हाल ही में एक वाहन को जांच के तीन दिन बाद फेल किए (failed after three days) जाने का सर्टिफिकेट जारी किया, साथ ही सरकारी रिकार्ड में छेड़छाड़ करते हुए वाहन के फिटनेस और मॉडल को 1970 (1970 model) का बना दिया। अब परेशान वाहन मालिक आरटीओ ऑफिस और निजी कंपनी के चक्कर लगा रहा है।


    इंदौर के स्कीम 140 में रहने वाले भूपेंद्र पुंडिर ई-कॉमर्स कंपनियों को डिलिवरी के लिए लोडिंग वाहन उपलब्ध करवाते हैं। उनके वाहन में से एक महिंद्रा बुलेरो पिक-अप (एमपी-09-जीएच-0724) का फिटनेस 26 जुलाई को खत्म हुआ था। नई व्यवस्था के तहत उन्होंने नेमावर रोड स्थित वेदांती व्हीकल फिटनेस एटीएस सेंटर पर वाहन की फिटनेस जांच के लिए ऑनलाइन अपाइंटमेंट लिया। उन्हें 30 जुलाई का अपाइंटमेंट मिला। इस पर उन्होंने 30 जुलाई को गाड़ी जांच के लिए फिटनेस सेंटर भेजी। शाम 7 बजे गाड़ी को जांच पूरी हो गई है, कहकर रवाना कर दिया गया। इसके तीन दिन बाद 2 अगस्त को उन्हें बताया गया कि गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हो गई है, उसे जांच में अनफिट पाया गया है।

    दोबारा फिटनेस जांच के लिए 2 नवंबर 1969 को बुलाया
    भूपेंद्र ने बताया कि गाड़ी की रजिस्ट्रेशन वैधता में छेड़छाड़ के साथ ही कंपनी ने वाहन को फिटनेस में फेल बताया और फिटनेस जांच के लिए दोबारा 2 नवंबर 1969 की तारीख दी है। इसके बाद से ही वे परेशान हैं और आरटीओ और कंपनी के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होती है तो तुरंत बताया जाता है, ताकि उसका संचालन बंद किया जाए, लेकिन तुरंत न बताकर तीन दिन बाद बताया गया। इस दौरान अगर वाहन से कोई दुर्घटना होती तो उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई से भी गुजरना पड़ता।

    2018 मॉडल की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 1970 तक के लिए वैध
    गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होने की जानकारी मिलने पर वे चौंक गए, क्योंकि गाड़ी पूरी तरह सही थी। उन्होंने रिकार्ड चेक किया तो सामने आया कि गाड़ी की रजिस्ट्रेशन तारीख 20 अप्रैल 2018 होने के बावजूद ऑनलाइन रिकार्ड में उसका रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी 1970 तक के लिए वैध बताया गया और इसी तारीख तक के लिए फिटनेस भी वैध बताया गया है।

    लाइट्स और धुएं के आधार पर किया फेल, जबकि दोनों सही
    भूपेंद्र ने बताया कि कंपनी द्वारा वाहन को फिटनेस टेस्ट में फेल करते हुए तीन दिन बाद जो रिपोर्ट दी गई, उसमें गाड़ी की कमजोर लाइट्स और गाड़ी द्वारा ज्यादा धुआं छोडऩे की बात पर फेल किया है। भूपेंद्र ने बताया कि गाड़ी की लाइट्स कंपनी फिटेड है और बिल्कुल सही चल रही है, साथ ही गाड़ी का पीयूसी टेस्ट भी कुछ दिन पहले ही करवाया था, जो एक साल के लिए वैध है। उन्होंने इसकी शिकायत भी आरटीओ ऑफिस की फिटनेस शाखा में की है और आज वे इसे लेकर आरटीओ से भी मिलेंगे।

    दूसरे जिले में करवाएंगे फिटनेस
    भूपेंद्र ने इंदौर के एटीएस में अव्यवस्थाओं और जांच में गड़बड़ी जैसी परेशानियों को लेकर कहा कि उनके पास 10 गाडिय़ां हैं और लगातार किसी गाड़ी का फिटनेस करवाना ही होता है। अब तक आरटीओ ऑफिस द्वारा की जाने वाली फिटनेस जांच में कोई परेशानी नहीं आई, लेकिन अब वे अपनी गाडिय़ों का फिटनेस दूसरे जिलों जैसे उज्जैन, देवास या धार में करवाएंगे। डीजल जरूर ज्यादा लगेगा, लेकिन बाद में परेशानी नहीं होगी।

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