- गत वर्ष प्रवेश ले चुके बच्चों को अगली कक्षा में सीधे प्रमोट करेंगे
इंदौर।अभी शैक्षणिक गतिविधियां सब ठप पड़ी हैं, लेकिन निजी स्कूलों में हर साल गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नि:शुल्क प्रवेश दिलवाया जाता है। इसकी प्रक्रिया कल से शिक्षा विभाग शुरू कर रहा है। अंतिम तिथि 30 जून आवेदन की तय की गई है और फिर ऑनलाइन प्रवेश के लिए 6 जुलाई को लॉटरी खोली जाएगी। हालांकि गत वर्ष जिन बच्चों को प्रवेश दिया गया था उन्हें इस बार आवेदन के बाद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाएगा। वहीं जिन बच्चों के माता-पिता कोरोना के चलते नहीं रहे उनके बच्चों का प्रवेश बिना लॉटरी प्राथमिकता से करवाएंगे।
बीते 14 माह से ही स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई ठप ही पड़ी है और ऑनलाइन क्लास व परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। वहीं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इंदौर के निजी स्कूलों में इस साल भी साढ़े 12 हजार सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित की गई है। हालांकि हर साल 4 से 5 हजार सीटें बच जाती है, क्योंकि छोटे निजी स्कूलों में प्रवेश की मांग नहीं रहती और अधिकांश पालकों की मंशा शहर के बड़े-महंगेस्कूलों में ही प्रवेश दिलवाने की रहती है, जिसके चलते इन स्कूलों के लिए लॉटरी निकलवाना पड़ती है, क्योंकि तय सीटों से ज्यादा आवेदन मिलते हैं। शासन के निर्देश पर कल 10 जून से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जो 30 जून तक चलेगी। फिर तत्पश्चात 6 जुलाई को लॉटरी निकलेगी। इस बार इस प्रक्रिया में कुछ रियायत दी गई है। दरअसल, गत वर्ष भी गरीब बच्चों को प्रवेश दिया था, मगर क्लास लगी ही नहीं और ना परीक्षाएं हो सकी। लिहाजा उन बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। वहीं कोरोना के चलते जिनके माता-पिता का निधन हो गया उन बच्चों को भी प्राथमिकता से प्रवेश दिलवाएंगे।
ऑनलाइन आवेदन ही लिया जाएगा और फिर रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी के लिए स्कूल का आवंटन और चयनित आवेदकों को एसएमएस के जरिए सूचना भेजी जाएगी। 6 से 16 जुलाई के बीच स्कूल आबंटन के बाद आवेदन-पत्र डाउनलोड कर प्रस्तुत करना होगा और दूसरे चरण की लॉटरी के लिए बची सिटों का पोर्टल पर प्रदर्शन 19 जुलाई और फिर उसकी लॉटरी 28 जुलाई को खोली जाएगी। 7 अगस्त तक मोबाइल एप के माध्यम से एडमिशन रिपोर्टिंग दर्ज होगी और एडमिशन लेने के 15 दिन में बच्चे का आधार सत्यापन भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा।