जिसको मृतक समझा था वह जिंदा सामने आ गया था, दूसरे का डीएनए नहीं हुआ था मैच
इंदौर। विजयनगर (Vijayanagar) थाने के सामने मैदान से पुलिस ने जली हुईलाश बरामद की थी। इस मामले की गुत्थी पुलिस दो साल बाद भी नहीं सुलझा सकी है, क्योंकि पहले जिसको मृतक बताया गया था वह जिंदा सामने आ गया था और बाद में दूसरे का डीएनए मैच नहीं हुआ। इसके चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
लगभग दो साल पहले विजयनगर (Vijayanagar) क्षेत्र में दो दिन में दो हत्याकांड हुए थे। एक हाईप्रोफाइल संदीप तेल (Sandeep Tel) हत्याकांड था तो दूसरी ओर विजयनगर थाने के ठीक समाने खाली मैदान में पुलिस ने एक लाश बरामद की थी। इसकी पहचान छुपाने के लिए गड्ढे में डालकर उस पर कचरा रखकर आग लगा दी गई थी। पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया था। संदीप तेल (Sandeep Tel) हत्याकांड तो हाईप्रोफाइल होने से पुलिस ने सुलझा लिया था, लेकिन दूसरे मामले में ध्यान नहीं दिया। पहले पुलिस को वहां डेरा बनाकर रखने वाले लोगों ने बताया कि यह लाश मूर्तिकार की है। पुलिस ने उसकी तलाश की। उसके परिजनों ने भी लाश को देखकर उसकी पहचान कर दी, लेकिन दस दिन बाद वह जिंदा सामने आ गया। फिर उससे और परिवार के लोगों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि लाश सांवेर रोड के एक व्यक्ति की है। पुलिस ने उस नाम के कई लोगों को ढूंढा और उस व्यक्ति के परिजनों का डीएनए करवाया, लेकिन वह मैच नहीं हुआ। इसके चलते इस मामले की गुत्थी दो साल से उलझी पड़ी है। अफसर भी बदल गए और मामला लो प्रोफाइल होने से पुलिस ने भी रुचि नहीं दिखाई। इसके चलते दो साल से यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। मृतक की शिनाख्त भी नहीं हो सकी है। शिनाख्त हो तो पुलिस हत्यारों तक पहुंचे।
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