बच्चे बेचने वाले गिरोह के सात में से पांच आरोपी फिर रिमांड पर
इन्दौर। मेटरनिटी क्लिनिक (Maternity Clinic) से बच्चे चुराकर बेचने वाली दाई और बच्चों को अवैध रूप से लेने वाले दोनों दंपतियों को एसटीएफ ने पुन: रिमांड पर लिया है, ताकि बच्चों के असली मां-बाप का पता चल सके, लेकिन दाई कह रही है कि उसे तो ये बच्चे क्लिनिक के डॉक्टर दंपति (Doctor Couple) ने दिए थे। उसे बच्चों के असली मा-बाप की जानकारी नहीं है।
कुछ दिन पहले एसटीएफ ने चाइल्ड लाइन (Child Line) की सूचना पर देवास (Dewas) और रतलाम (Ratlam) से दो बच्चों को बरामद किया था। इन बच्चों को 9 साल पहले स्कीम नंबर 51 स्थित एक मेटरनिटी क्लिनिक से दाई लीलाबाई ने चुराकर देवास के दंपति शिशिर और सुधा व रतलाम के दंपति अजयकुमार व स्वर्णमाला को अपनी बहन और बहनोई की मदद से बेचा था। एसटीएफ ने कल फिर दाई और दोनों दंपति को पांच दिन के रिमांड पर लिया है। एसटीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया कि अब तक की पूछताछ में दाई ने बच्चों के असली माता-पिता की कोई जानकारी नहीं दी है। उसका कहना है कि दोनों बच्चों को क्लिनिक के मालिक डॉक्टर दंपति ने उसे दिया था। डॉक्टर दंपति की दुर्घटना में मौत हो चुकी है। पुलिस को आशंका कि वह बचने के लिए ऐसा कह रही है, इसलिए उसे फिर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं अस्पताल के कुछ पुराने कर्मचारियों की जानकारी भी निकाली जा रही है, ताकि असली माता-पिता का पता लगाया जा सके। अब तक ऐसे कोई दंपति भी सामने नहीं आए हैं, जिन्होने 9 साल पहले इस क्लिनिक में बच्चों को जन्म दिया था और उनसे कहा गया था कि उनको मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ है। अब दंपति और बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाया जा रहा है, ताकि साबित हो सके कि ये बच्चे उनके नहीं हैं। जल्द ही पुलिस असली मां-बाप का पता लगा लेगी।
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