मुहाड़ी वाटरफाल में डूबे दोस्तों के शव देखकर परिजनों के सब्र का बांध टूटा
इंदौर। खुड़ैल (Khudail) से सात किमी दूर मुहाड़ी वाटरफॉल (Muhadi Waterfall) में दो दिन पूर्व नहाने गए दयानंद नगर, राजेंद्रनगर (Rajendra Nagar) के दो युवकों की डूबने से हुई मौत के बाद एनडीआरएस (NDRS) की टीम ने कल उनके शव मशक्कत के बाद निकाल लिए। जब शव निकाले गए तो हसन पिता दिलवर खान के कान नहीं थे तो निजाम पिता तालिब की आंखें भी गायब थीं। मछलियों (Fishes) ने आंखें खा ली थीं। दोनों जवान बच्चों के शव जब झरने से बाहर निकाले गए तो उनके परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और वे फूट-फूटकर रो पड़े।
एनडीआरएस (NDRS) टीम के सदस्य सुभाष गुंजाल ने बताया कि वह और साथी विभीषण मोहिते, रामचंद्र शुक्ला, अर्जुन बनप्पा शव निकालने के लिए झरने में कूदे तो पानी काफी मटमैला हो गया था। इसके कारण उन्हें तलाशने में काफी दिक्कत आई। कल जब सुबह सर्चिंग अभियान (Searching Expedition) शुरू किया तो काफी मशक्कत के बाद एक के बाद एक शव मिले। उन्होंने बताया कि दोनों युवक जींस पैंट पहनकर कूदे थे और यही उनकी मौत का कारण बना। सुभाष ने बताया कि जहां लाशों को खोजा जा रहा था, वहां की जमीन फुसफुसी थी और उसमें दोनों युवकों की जींस फंस गई थी, जिसके कारण मोटे रस्से का उपयोग करना पड़ा। जिन पत्थरों के बीच वे फंसे थे, वहां कूदने के बाद इन लोगों ने छटपटाने की कोशिश की होगी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। सूत्रों का कहना है कि कुंड या नदी में कूदने पर शरीर एक बार ऊपर-नीचे होता है, लेकिन हसन और निजाम चट्टान में फंसने के कारण ऊपर नहीं आए। उनके चेहरे भी काले पड़ गए थे। पानी यहां हलका चलता है और खोह गहरी है।
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