बेशकीमती है जमीन….एक भूमाफिया को आरोपी बनाया, जांच अगर सही दिशा में चली तो कई उलझेंगे
इंदौर। जमीन के जादूगर धार्मिक स्थलों (Religious places) की जमीनों को बेचने से भी नहीं चूक रहे हैं। शहर की नामी दरगाह ( Dargah) की जमीन को जादूगरों ने न सिर्फ बेचा, बल्कि उस पर कॉलोनी भी कट गई और प्लाट भी बिक गए। करीब 50 परिवारों ने तो मकान भी बना लिए। पूरी धांधली की शिकायतें कई बार हुईं, लेकिन हर बार शिकायतों की फाइलें रुक गईं। अब जाकर एक भूमाफिया पर तहसीलदार ने मुकदमा दर्ज करवाया है। यह तो तय है कि इस एक का धांधली से वास्ता तो नहीं है, इसके साथ कई लोग जुड़े होंगे। उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
खजराना टीआई दिनेश वर्मा (Khajrana ti Dinesh Verma) ने बताया कि तहसीलदार मो. सिराज शेख (Tehsildar Mo. Siraj Sheikh) ने रिपोर्ट लिखाई है कि मकसूद अहमद (Maqsood Ahmad) निवासी अमन नगर रिंग रोड ने स्टार चौराहे के समीप स्थित खसरा नंबर 213/२ की जमीन फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर बेची। दरअसल यह जमीन वक्फ बोर्ड नाहरशाह वली दरगाह (Naharshah Wali Dargah) के अधीन आती है। यह जमीन स्टार चौराहा मेन रोड पर होने के चलते बेशकीमती है। आरोपी मकसूद को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। उसने जाली दस्तावेज तैयार कर जमीन का एग्रीमेंट वक्फ बोर्ड से खुद के नाम दर्शाया। साथ ही नाहरशाह वली चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम से एक फर्जी संस्था भी बनाई। इसके बाद फर्जी एग्रीमेंट दिखाते हुए जमीन बेची। इस मामले की शिकायत लोकायुक्त सहित कलेक्टोरेट में कई बार हुई। इसके बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को जांच का आदेश दिया तो तहसीलदार ने जांच वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से शुरू की। कई दस्तावेज खंगालने के बाद साफ हुआ कि जमीन कभी भी बेची नहीं गई। जो दस्तावेज मकसूद दिखा रहा है, वह पूरे फर्जी हैं और कूटरचित तरीके से बनाए गए हैं। पुलिस ने मकसूद को हिरासत में लिया है। उसके जरिए इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि जिस साल जमीन बिकी उस दौरान वक्फ बोर्ड या फिर नाहरशाह वली दरगाह में जो कमेटी थी उसके तत्कालीन पदाधिकारियों की क्या भूमिका है। इस मामले में एक के बाद एक कई लोगों की भूमिका सामने आने का अंदेशा जताया जा रहा है।
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