200 फर्जी आधार कार्ड मिले
इंदौर। मानव तस्करी (human trafficking) और देह व्यापार (prostitution) के गिरोह के विजयनगर (vijay nagar) में पकड़ाने के बाद रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब बांग्लादेशी (bangladeshi) मामून के साथी बबलू विश्वास के पास दो सौ फर्जी आधार कार्ड (aadhar card) मिले हैं। उसने बताया कि करीब सौ युवतियों (girls) से उसने दोस्ती कर उन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। फर्जी आधार कार्ड भी उसने युवतियों (girls) के रिश्तेदार तो खुद के अलग-अलग नाम के बनवाए।
विजयनगर टीआई तहजीब काजी (vijayanagar ti tehzeeb qazi) ने बताया कि बबलू भी बड़ा दलाल है। वह पश्चिम बंगाल (west bengal) का रहने वाला है। बबलू और मामून साथ में काम करते हैं। यह लोग कमरा लेने के बाद मकान के दस्तावेजों के आधार पर फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी (voter id) और ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) बनवा लेते थे। करीब 200 आधार कार्ड (aadhar card) इनके पास मिले हैं, जिनमें ज्यादातर बबलू के हैं। बबलू किसी आधार कार्ड में किसी का पति बन जाता तो किसी आधार कार्ड में किसी युवती का भाई और पिता बन जाता। यही नहीं, वह अपने नाम से मिलते-जुलते नाम के भी कई आधार कार्ड (aadhar card) बनवा चुका है। ज्यादातर दस्तावेज मुंबई (mumbai) के नालासोपारा (nalasopara) की अलकापुरी के पते पर बनाए गए हैं। मामून ने भी पासपोर्ट बनाया है, जिसमें पिता का नाम विमल दत्त, मां अंबिका और पत्नी को ज्योत्सना दत्त नाम दिया है। पुलिस के पास इनके बांग्लादेश में बने दस्तावेज भी आ गए हैं, जिसमें मामून की पत्नी का नाम जैस्मीन खातून है। पुलिस को यह भी शंका है कि बाणगंगा (banganga) के शेल्टर होम (shelter home) से भागी पांच बांग्लादेशी युवतियों (girls) को ले जाने में बबलू का हाथ है। बबलू से इस बारे में भी पूछताछ की जा रही है। इन आरोपियों को पकडऩे के लिए इंदौर पुलिस को करीब सात दिनों तक मुंबई में डेरा जमाना पड़ा था। मुंबई में इनकी घेराबंदी की तो ये इंदौर भागे और पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
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