महिला की एमटीएच में मौत, इससे पहले कई यातनाएं सही
झुमके गायब….भोपाल से फोन आते ही टेबल पर रख गए
इंदौर। कोरोना मरीजों (corona patient) के जीते-जी अस्पताल (hospital) में इलाज के दौरान होने वाली लापरवाही के तो कई किस्से सुनने को मिल रहे हैं, पर मौत के बाद भी उनके साथ गलत हो रहा है। एक महिला की आज सुबह मौत हो गई। उसके बेटे ने जो व्यथा बताई उससे डॉक्टरों पर से भरोसा उठता चला जा रहा है।
दो दिन पहले सुखलिया की रहने वाली गृहिणी अनीता पति सुरेश वर्मा को सांस में तकलीफ होने के चलते एमटीएच अस्पताल (mth hospital) में भर्ती कराया गया था। बेटे दीपू का आरोप है कि मां का इलाज नहीं किया गया। एक डॉक्टर से संपर्क किया तो उसने कहा कि रेमडेसिविर के इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की व्यवस्था करना होगी। भटकने के बाद इंजेक्शन नहीं मिला तो डॉक्टर के पास दोबारा गया। डॉक्टर (doctor) ने प्रस्ताव रखा कि 5000-5000 में दो इंजेक्शन की व्यवस्था करा देंगे। दीपू का कहना है कि मैंने कहा यह तो 800 से 1000 के बीच में मिलते हैं। इस पर डॉक्टर वहां से चला गया। बाद में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो डॉक्टर (doctor) हरकत में आए। समझाने लगे कि शिकायत वापस ले लो। मां के पास गया तो झुमके गायब थे। विरोध किया तो वहां का स्टाफ सकते में आ गया और झुमके दोबारा महिला के पास रखकर चले गए। परिजन आज एमटीएच अस्पताल (mth hospital) के बाहर भीड़ लगाकर हंगामा कर रहे हैं। इनका आरोप है कि यहां इलाज के नाम पर न सिर्फ लूटमार हो रही है, बल्कि आभूषण भी गायब किए जा रहे हैं। इससे पहले एमटीएच अस्पताल (mth hospital) में मरीज की मौत के बाद मोबाइल भी गायब हो गया था।
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