मौका मिलते ही कर रहे धोखा…कहीं प्लाट, कहीं सरकारी माल बेचा
इंदौर। शहर में प्लाट (Plot) बेचने के नाम पर धोखाधड़ी (Fraud) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। जमीन के दो जादूगरों (Magicians) ने तो हद कर दी। खाली प्लाट देखकर उन्हें लगा कि यहां कोई आता-जाता नहीं तो उसके फर्जी कागज (Fake Paper) बना लिए। उसे बेच नहीं पाए तो बैंक में सेटिंग कर लाखों का लोन ले लिया। पुलिस (Police) ने इन पर कार्रवाई की है। कंट्रोल (Control) में गबन करने वाले सहित मालिक के साथ जालसाजी (Forgery) करने वाले पर भी पुलिस (Police) ने कार्रवाई की है।
राजेंद्र नगर टीआई अमृता सोलंकी (Rajendra Nagar TI Amrita Solanki) ने बताया कि दत्त नगर (Dutt Nagar) स्थित योजना क्रमांक 97 का भाग-4 स्लाइस नंबर 5 का मामला है। दीपक त्रिपाठी निवासी स्कीम नंबर 97 वीआईपी परस्पर नगर (VIP Paraspar Nagar) और उसके एक साथी की पूरी करतूत है। दोनों ने मिलकर उक्त प्लाट के फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) बनाकर पहले किसी और के नाम रजिस्ट्री की, फिर अपने नाम की रजिस्ट्री कराकर बैंक से करीब 35 लाख का लोन ले लिया। जिस बैंक से लोन लिया, उसके कर्ताकर्ताओं की भी इसमें मिलीभगत होने की बात सामने आ रही है। पुलिस उन तक भी पहुंचने वाली है।
विधवा महिला को भी नही छोड़ा, चूना लगाया
एक विधवा महिला से ठगोरों ने प्लाट बेचने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की। खजराना पुलिस (Khajrana Police) ने बताया कि शुभ-लाभ टावर की रहने वाली नुजहत के साथ जालसाजी हुई। उसके साथ करीब तीन साल पहले अबरार बेग निवासी पाश्र्वकुंज अहमद नगर खजराना और शेख इमरान निवासी अली कॉलोनी खजराना (Ali Colony Khajrana) ने पाश्र्वकुंज अहमद नगर में एक प्लाट का सौदा कर लाखों रुपए ले लिए। बाद में न तो प्लाट की रजिस्ट्री की और न ही रुपए लौटाए। नुजहत ने हकीकत जानने के लिए प्लाट की जानकारी निकाली तो पता चला कि यह प्लाट बेचने वालों का है ही नहीं। यह प्लाट तो किसी शबाना नामक महिला का है।
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