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    INDORE : अंदाज वही रहेगा, लेकिन अब जिला ही नहीं संभाग संभालेंगे मिश्र

  • January 01, 2021


    गुंडे-बदमाशों के घर तोडऩे की कार्रवाई पूरे संभाग में जारी रखूंगा, रात को आईजी बने तब विजय नगर चौराहे पर खड़े थे डीआईजी
    जब तक नए डीआईजी नहीं आते, रीगल तिराहे पर ही बैठेंगे आईजी
    इंदौर, वीरेंद्र सिंह सिसौदिया। दो बार इंदौर डीआईजी रहे हरिनारायचारी मिश्र कल रात 12 बजे बाद इंदौर आईजी बन गए। अब वे इंदौर जिला ही नही इंदौर संभाग भी संभालेंगे। जब यह आदेश लागू हुआ उस समय मिश्र विजय नगर चौराहे पर चैकिंग पांइटों को चैक करने निकले थे। गुंडे बदमाशों के घर तोडऩे के बाद से पूरे देश में सुर्खियों में आए मिश्र कहते है कि यह कार्रवाई संभाग में भी लागू करुंगा ताकि आम लोग सुख-सुकून से रह सकें।
    अपने खास अंदाज के लिए जाने-जाने वाले डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र वैसे तो मंगलवार को जनसुनवाई में बैठकर एक-एक फरियादी की फरियाद सुनकर उसका निराकरण करवाते थे, कोरोना काल में भी उन्होंने यह क्रम नहीं छोड़ा। सुबह 10 बजे किसी फरियादी की फरियाद जिस अंदाज और शालीनता से सुनते वैसे ही बैठे-बैठे अगर उन्हें शाम की चार बज जाती है तब भी उनके चेहरे पर थकान नहीं होती। न ही उनके बर्ताव में बदलाव आता। वे इतनी ही दिलचस्पी से शाम तक आने वाले की फरियाद सुनते हैं, जितनी दिलचस्पी से 6 घंटे पहले सुबह वाले की सुनी थी। कोई फरियादी उन्हें लंबी फरियाद सुनाता तो वे उसे उतना ही समय देते जब तक की उसका मन नही भर आता। यही नहीं गुस्से में बात करने वाले के गुस्से को भी समझते हुए उसे न्याय का भरोसा दिलाते हैं जैसे ही फरियादी डीआईजी दफ्तर से बाहर निकलता है तो उसके चेहरे पर मुस्कान नजर आती है। मिश्र फिलहाल रीगल स्थित डीआईजी दफ्तर में तब तक बैठेंगे जब तक की नया डीआईजी कार्यभार नहीं संभाल लेता।
    दंगो में ले आए थे शांती अवार्ड…
    2003 में आईपीएस बने मिश्र की नौकरी की शुरुआत महू एसडीओपी के रूप में हुई थी। बालाघाट में उनकी टीम ने 30 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान नक्सलियों के इनकाउंटर भी हुए। यहां से उनके अवार्डों की शुरुआत हुई, उन्हें इस काम के लिए अंतरिम सुरक्षा पदक मिला। खंडवा एसपी रहते हुए उन्होंने एक हत्याकांड से ऐसा पर्दा उठाया, जिसमें हत्यारे को उम्रकैद की सजा हुई। खंडवा में सांप्रदायिक दंगे में मिश्र ने शांती व्यवस्था कायम करने में कोई कसर नही छोड़ी थी। दंगा शांत हुआ तो सरकार ने उन्हें सांप्रदायिक सोहार्द का पदक दिया। इंदौर में तो गुंडे उनके द्वारा बदमाशों के घर तोडऩे की कार्रवाई को पूरे देश में लागू किया गया। उनकी कार्रवाई को देखते हुए यूपी की योगी सरकार ने भी इंदौर में बदमाशो के घर तोडऩे की कार्रवाई को देखते हुए इस कार्रवाई को यूपी में लागू किया। मिश्र जबलपुर और ग्वालियर में भी पदस्थ रह चुके है। वे खरगोन डीआईजी भी रह चुके है। लेकिन इस खरगोन में उनका कार्यकल कम समय के लिए रहा।

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