इंदौर । अंतरराष्ट्रीय स्तर के जिस इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज (Indian Institute of Technology College) में एडमिशन (Admission) लेने के लिए स्टूडेंट्स सपने देखते रहते हैं, अब आईआईटी इंदौर कॉलेज (IIT Indore College) ऐसे उन सभी स्कूली विद्यार्थियों ही नहीं, बल्कि उन्हें पढ़ाने वाले टीचर, लेक्चरर, प्रोफेसरों (Teacher, Lecturer, Professors) के सपने साकार करने जा रहा है। अब भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र (Physics, Chemistry) जैसे विज्ञान विषय में रुचि रखने वाले स्कूली स्टूडेंट्स आईआईटी कॉलेज की विश्व स्तरीय प्रयोगशाला से जुडक़र वैज्ञानिक प्रयोग देखकर पढ़-सीख सकेंगे। इस दौरान स्टूडेंट्स राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान विशेषज्ञ प्रोफेसरों से सवाल जवाब भी कर सकेंगे।
आईआईटी कॉलेज (IIT Indore College) के रिसोर्सेस जनरेशन के डीन प्रोफेसर डाक्टर आनन्द पारे (Resource Generation Professor Dr. Anand Pare) ने बताया कि हमने बाहरी स्टूडेंट्स व एजुकेशन इंस्टिट्यूट सहित स्कूली बच्चों के लिए विश्वस्तरीय विद्यालय स्तर के प्रोगाम बनाए हैं, जिन्हें वल्र्ड में ऑनलाइन चलाया-दिखाया जाएगा। यह एक तरह से ऑनलाइन कोर्स होगा । विज्ञान सम्बन्धित विषयों को तय अवधि में सिखाने-पढ़ाने के साथ प्रैक्टिकल करवाए जाएंगे। इसका कोर्स पूरा होने के बाद बच्चों को ई-प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे। इसकी पूरी जानकारी आईआईटी कॉलेज (IIT Indore College) की वेबसाइट पर मौजूद है। देश के टॉप टेन विशेषज्ञ प्रोफेसर्स में शामिल डाक्टर आनन्द ने बताया कि इसकी शुरुआत दिसम्बर माह के अंत या नए साल की शुरुआत से की जा रही है। इसके लिए नो प्रॉफिट -नो लॉस की तर्ज पर फीस तय की जाएगी। फीस इसलिए, क्योंकि इससे फीस चुकाने वाले एजुकेशन इंस्टिट्यट व स्टूडेंट्स नियमित उपस्थित रहें।
जिज्ञासाओं का समाधान भी कर सकेंगे
प्रोफेसर पारे के मुताबिक हमने अपनी प्रयोगशालाओं को अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए खोलने के कार्यक्रम के तहत प्रायोगिक शिक्षा का ऐसा खाका तैयार किया है, जो कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम के मुताबिक है। उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं से वर्चुअल माध्यमों के जरिए जुडऩे वाले विद्यार्थी प्रयोगों को वास्तविक समय में संपन्न होते देख सकेंगे। इस दौरान दोतरफा संवाद के जरिए विद्यार्थी अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी कर सकेंगे।
अध्ययन से विद्यार्थियों की बढ़ेगी क्षमता
प्रोफेसर पारे ने बताया कि इस सत्र के जरिए प्रयोगों से अध्ययन को लेकर विद्यार्थियों की क्षमता बढ़ेगी और वे किसी प्रयोग की अवधारणा से लेकर इसके नतीजों के विश्लेषण तक के गुण भी सीख सकेंगे। उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर के वर्चुअल प्रयोगशाला सत्र में सफल विद्यार्थियों को संस्थान की ओर से एक ई-प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।
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