इंदौर। अगले माह पंजाब में दिव्यांगों का आईपीएल होना है, जिसके लिए मप्र के तीन खिलाडिय़ों का चयन भी हो गया था, लेकिन उनके पास स्पोट्र्स व्हीलचेयर नहीं होने के कारण इसमें भाग नहीं ले पा रहे हैं। इसलिए व्हीलचेयर क्रिकेट वेलफेयर एसो. के अध्यक्ष शहजाद अली के साथ कई अन्य दिव्यांग क्रिकेटर जनसुनवाई में आए थे।
उन्होंने एडीएम से मांग की कि हमें ऐसी स्पोट्र्स व्हीलचेयर दी जाए, ताकि हम खेल सकें। इस पर एडीएम पवन जैन ने खेल अधिकारी जोसफ बक्सला से बात की। उन्होंने बताया कि इस तरह का फंड खेल विभाग के पास नहीं आता, लेकिन वे भोपाल में पता लगाकर मदद करवाएंगे।
एक व्हीलचेयर आती है 50 हजार की
शहजाद अली ने बताया कि हमारे प्रदेश में दिव्यांगों के लिए खेल सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। जो व्हीलचेयर हम मांग रहे हैं, वह लगभग 50 हजार की आती है। वैसे इससे भी महंगी भी आती है। हर स्टेट के खिलाडिय़ों के पास ये चेयर है, लेकिन हमारे पास इसे खरीदने की क्षमता नहीं है, इसलिए हम सरकार व प्रशासन से मदद मांग रहे हैं, ताकि खिलाडिय़ों का नुकसान न हो। पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ व उत्तरप्रदेश में भी फरवरी-मार्च में टूर्नामेंट है। यदि व्हीलचेयर नहीं मिली तो हम नहीं खेल पाएंगे। जो व्हीलचेयर हमें पहले दी गई थी, उन्हें हमने मोडीफाइड कर खेलने लायक बनाया है, लेकिन उसमें गिरने व लगने का डर हमेशा बना रहता है। जल्द ही हम जनप्रतिनिधियों के पास भी जाएंगे।
बूढ़े माता-पिता को घर से निकाला
जनसुनवाई में 4 से ज्यादा शिकायतें भरण-पोषण से संबंधित आईं। बूढ़े माता-पिता को उनके बच्चों ने घर से निकाल दिया है। वे दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं। जनसुनवाई में पहुंचे इन बुजुर्गों ने अपनी पीड़ा अधिकारियों को बताई। एडीएम जैन ने कहा कि ऐसे आवेदनों को हम गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर बुजुर्गों को उनका अधिकार दिलाने का प्रयास करेंगे।
32 से अधिक शिकायतें गृह निर्माण संस्थाओं की
जनसुनवाई में सबसे ज्यादा शिकायतें जमीन-प्लाट और कब्जे की आती हैं। गृह निर्माण संस्थाओं से जुड़ी 32 से ज्यादा शिकायतें कल जनसुनवाई में पहुंचीं। साथ ही आमजनों द्वारा जमीन के सीमांकन, बंटवारा, जमीन को कब्जे से मुक्त कराना, आवास सब्सिडी, एजुकेशन लोन आदि के संबंध में आवेदन दिए गए। इसी तरह गांधीनगर में बिना रजिस्ट्री के सोसायटी की जमीनों पर मकान बनाए जाने की शिकायत भी प्राप्त हुई। अपर कलेक्टर जैन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त आवेदनों का न्यायसंगत रूप से जल्द से जल्द निराकरण कराना सुनिश्चित करें।
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