– एबीवीपी ने किया किया प्रदर्शन, पांच दिन से लिए शिक्षकों को किया गया कार्यमुक्त
इंदौर। शहर के नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय (New Government Law College) के छह शिक्षकों (six teachers) पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप (Allegations of spreading religious fanaticism) लगाया गया है। गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं (Student leaders of the Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP)) ने कालेज में प्रदर्शन करते जमकर हंगामा किया। उन्होंने इन शिक्षकों द्वारा कालेज का माहौल खराब करने और विवादित टिप्पणियां करने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि शिक्षक छात्राओं को अकेले में भी बुलाते हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कालेज प्रबंधन ने शिक्षकों पर कार्रवाई की है। पांच दिनों के लिए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। मामले में जांच का आश्वासन भी दिया गया है।
दरअसल, एबीवीपी के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान, लक्की आदिवाल, दीपेंद्र ठाकुर, बृजेंद्र धाकड़ सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कालेज पहुंचकर प्राचार्य डा. इनामुर्रहमान का घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। छात्र नेताओं ने छह शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए और धार्मिक कट्टरता फैलाने की बात कहते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने की मांग रखी। हंगामे के दौरान महाविद्यालय के कुछ अन्य विद्यार्थी भी सामने आए।
उन्होंने कहा कि कक्षाओं में पढ़ाने के दौरान राष्ट्र विरोधी मानसिकता का प्रचार-प्रसार करते हैं। अधिकांश समय सिर्फ एक धर्म से जुड़ी बातें करते हैं, जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। छात्राओं को रेस्त्रां में चलने और बाहर मिलने का कहा जाता है। मामले में छात्राओं ने भी मोर्चा खोल दिया और आरोपों को सही बताया। इस दौरान छात्र संगठन ने शिक्षकों को भी बुलाने का कहा, लेकिन इस दौरान कोई भी मौजूद नहीं था।
छात्र संगठन ने शिक्षकों को हटाने की मांग की। काफी देर तक कालेज प्रबंधन कार्रवाई को टालने में लगा रहा, लेकिन विवाद बढ़ता देख प्राचार्य ने छह शिक्षकों को पांच दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच करने का आश्वासन दिया। कार्यमुक्त किए गए शिक्षकों में प्रो. अमीक खोखर, डा. मिर्जा मोजिज बेग, डा. फिरोज अहमद मीर, डा. सुहैल अहमद वाणी के साथ प्रो. मिलिंद कुमार गौतम व डा.पूर्णिमा बीसे शामिल हैं। ये अगले पांच दिन कक्षाएं नहीं ले सकेंगे। साथ ही प्रशासनिक कार्य से भी मुक्त रखा गया है।
मामले में विधि महाविद्यालय के प्राचार्च डा. इनामुर्रहमान का कहना है कि छात्र संगठन ने शिक्षकों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने और अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई की मांग की है। मामले की जांच के लिए समिति बनाएंगे। जांच के दौरान शिक्षकों को परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी।
वहीं, उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डा. किरण सलूजा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि धार्मिक कट्टरता फैलाने की शिकायत मुझे मिली है। मामले में कालेज प्राचार्य को चर्चा के लिए शुक्रवार को बुलाया है। जांच करने के लिए कालेज प्रबंधन को कहा गया है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved