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    INDORE : कामवाली बाइयों की सहूलियत के लिए बनाए थे हाईलिंक में शॉर्टकट रास्ते, जिनसे घुसे थे डकैत

  • February 02, 2021


    साढ़े तीन सौ प्लॉटों की कॉलोनी में मेन गेट से घूमकर आने में कामवाली करती थीं आनाकानी, दीवारों को तोडक़र चार जगह बनाए हैं रास्ते
    इंदौर। एरोड्रम क्षेत्र स्थित हाईलिंक सिटी में सीए निखिल चोपड़ा और दवाई कारोबारी जैन के यहां डकैती डालने वाले करीब 10 लुटेरों ने कॉलोनी के मेन गेट की सुरक्षा को देखते हुए टाउनशिप में आने वाले शॉर्टकट रास्तों का इस्तेमाल किया। ये रास्ते रहवासियों ने ही बनाए थे, ताकि कॉलोनी में मेन गेट से घूमकर आने वाली कामवाली महिलाओं को शॉर्टकट मिल जाए और वे कॉलोनी में आने के लिए आनाकानी नहीं करें।
    हाईलिंक सिटी 2007 में कॉलोनाइजर वीरेंद्र गुप्ता ने काटी थी। बताया जा रहा है कि यहां कुल 625 प्लाट हैं, जिनमें साढ़े तीन सौ के आसपास मकान बने हुए हैं। पूरी कॉलोनी में तीन गेट हैं। दो गेट बंद हैं। एक गेट चालू रखा गया है। यहां तीन सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। पूरी कॉलोनी को एक दीवार के सहारे कवर किया गया है। यहां ज्यादातर व्यापारी और नौकरीपेशा लोग रहते हैं। दूरदराज की हर कॉलोनी की तरह यहां कामवाली महिलाओं की समस्या है, क्योंकि मेन गेट से घूमकर इस कॉलोनी में आने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। इसके चलते कॉलोनी के पिछले हिस्से, जिसकी दूसरी तरफ मॉडल कॉलोनियां और अन्य छोटी बस्तियां हैं, जिनसे आने के लिए खाली प्लाटों के पीछे की मुख्य दीवार को जगह-जगह से तोड़ दिया गया। डकैतों ने भी इन्हीं रास्तों का आने और जाने में इस्तेमाल किया।

    चार जगह गए थे, राह चलते से 15 हजार रुपए भी छीने थे

    हाईलिंक सिटी में जिस रात वारदात हुई उस रात बदमाशों ने चोपड़ा के घर के अलावा दवाई कारोबारी के घर में भी वारदात की। यही नहीं, पीछे की मॉडल कॉलोनी में एक नर्सरी में भी बदमाश घुसे थे। इसके अलावा एक राह चलते व्यक्ति से 15 हजार रुपए भी छीन लिए थे। इससे पहले इस कॉलोनी में स्थित एक जैन मंदिर में भी चोरी की वारदात हो गई।

    रैकी भी की थी
    वारदात से पहले लुटेरों ने रैकी की थी। इस बात का खुलासा इससे होता है कि 22 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक चोपड़ा का पूरा परिवार राजस्थान स्थित जैन तीर्थ में दर्शन के लिए गया था। दवाई कारोबारी जैन का घर भी सूना था। लुटेरों को मालूम था कि दोनों घरों को निशान बनाया जा सकता है, लेकिन बाद में चोपड़ा परिवार लौट आया और लुटेरों का उनसे सामना हो गया। पुलिस का कहना है कि बदमाशों ने वारदात के चार दिन पहले रैकी की होगी।


    एसपी ने लगाया पश्चिम का पूरा बल अधिकारियों से कहा मौके पर जाओ
    वारदात की तीसरी रात को एसपी पश्चिम ने एएसपी राजेश व्यास समेत सभी सीएसपी को मौके पर पहुंचाया और पड़ताल करने को कहा। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने स्तर पर जांच की। अभी तक इस पूरे मामले में पुलिस खाली हाथ है।

    डकैत जब जैन के घर में थे, तब सीटी बजाते निकल गया चौकीदार…
    कॉलोनी वाले सुरक्षा में आने वाले खर्च का सालाना भुगतान करते हैं, जिसमें मेन गेट के सुरक्षा गार्ड और एक चौकीदार का वेतन सहित अन्य मेंटेनेंस निकाले जाते हैं। जिस रात वारदात हुई उस रात चौकीदार रमेश गेहलोद निवासी देपालपुर वहां साइकिल से सीटी बजाते हुए राउंड मार रहा था। रमेश ने बताया कि वह जैन के घर के सामने सीटी बजाते हुए निकला भी था, लेकिन अंदर की तरफ झांककर नहीं देखा। बाद में पता चला कि उस समय डकैत घर में ही मौजूद थे। फिर दूर जाकर एक अलाव के सामने जैसे ही बैठा तो रहवासियों ने फोन लगाया कि पथराव हो रहा है।


    करता भी तो क्या… सामने पिस्टल तनी थी, दिखा दी अलमारी…
    निखिल के पिता अजीत चोपड़ा ने बताया कि रात करीब 3 बजे घर के दरवाजे के बाहर से आवाजें आ रही थीं। मेरी और पत्नी की नींद खुल गई थी। चोर बेटे और बहू का दरवाजा पहले ही बाहर से बंद कर आए थे। हम दोनों ने गेट से झांककर देखा तो बाहर कुछ लोग खड़े थे। वे दरवाजे के नकूचों को सब्बल से तोड़ रहे थे। हम दोनों दरवाजे को अंदर से धक्का लगा रहे थे। लुटेरे बाहर से दरवाजे को धक्का लगाने लगे। हम घबराए हुए थे, कुछ समझ नहीं पा रहे थे। बदमाशों की संख्या ज्यादा थी, जिसके चलते उन्होंने धक्का देकर दरवाजा खोल दिया। उनके हाथों में पिस्टल थी। बदमाशों ने अंदर आते ही पूछा- रुपया और ज्वेलरी कहां हैं। मैं करता भी क्या, पिस्टल सामने तनी हुई थी। मैंने उन्हें आलमारी की ओर इशारा करते हुए बताया। इसके बाद बदमाशों ने बिना चाबी मांगे कुछ ही देर में आलमारी के लॉकर के ताले तोड़ दिए और माल निकाल लिया। सामने रहने वाले व्यापारी की पत्नी रेखा सोनी ने बताया कि जब बदमाश दरवाजे पर सब्बल से वार कर रहे थे, उस समय हम और आसपास के पड़ोसी जाग गए थे। हम बाहर भी निकले, लेकिन बदमाशों ने पिस्टल दिखाते हुए कहा कि अंदर चले जाओ, नहीं तो गोली मार देंगे। हम अंदर चले गए और पुलिस को फोन किया। बदमाशों के भागने के 5 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस आकर सीधे बदमाशों को पकडऩे के लिए घेराबंदी करती तो शायद बदमाश पकड़ा जाते, लेकिन पुलिस ने आकर पूछताछ शुरू कर दी। इतने में बदमाश दूर तक भाग चुके थे।

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