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इंदौर : शर्म करो, पानी नहीं है तो इलाज से लेकर आपरेशन तक बंद

  • April 22, 2025

    • यह आलम है सरकारी अस्पताल का… तो निजी अस्पतालों में लूटपाट क्यों न हो

    इंदौर। विकास (Development) की डींगें हांकते इंदौर (Indore) के लिए शर्मनाक स्थिति है कि यहां के शासकीय अस्पताल (Government Hospital) में केवल इसलिए इलाज से लेकर ऑपरेशन (operation) तक बंद कर दिए गए कि अस्पताल में पानी नहीं है। शहर के एमटीएच हॉस्पिटल में 11 अप्रैल से हर प्रकार के ऑपरेशन पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी कर दिया गया है, जिससे गर्भवती और प्रसुताओं के अलावा गर्भाशय सम्बन्धित अन्य गम्भीर बीमारियों से पीडि़त मुख्यमंत्री की लाड़ली बहनें जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रही हंै ।



    इंदौर शहर के 450 मेडिकल बेड वाले एमटीएच हॉस्पिटल में स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग के विभाग अध्यक्ष द्वारा 11 अप्रैल को एक फरमान जारी करते हुए कहा गया कि एमटीएच चिकित्सालय में पानी के अभाव के चलते सभी को आदेशित किया जाता है कि सभी प्रकार के इलेक्ट्रिव, गायनिक व लेब ओटी के सभी आपरेशंस आगामी आदेश तक तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाते हैं। चिकित्सालय में केवल इमरजेंसी केसेस ही आपरेट किए जाएंगे। विभागाध्यक्ष के इस फरमान के चलते अस्पताल में नए पेशेंटों की भर्ती तो बंद कर ही दी गई है, जो लोग पहले से अस्पताल में चिकित्सा के लिए भर्ती है, उनके भी ऑपरेशन रोक दिए गए हैं। अस्पताल के स्टाफ द्वारा मरीजों को कहा जा रहा है कि वे किसी निजी चिकित्सालय में जाकर अपना इलाज कराएं अथवा इंतजार करें। ऐसी स्थिति में मरीजों के पास कोई विकल्प नहीं है कि वे अपना इलाज महंगा खर्च कर अन्य अस्पताल में जाएं या खुद के जीवन को संकट में डालें।

    चार बोरिंग हैं, एक नर्मदा का कनेक्शन, हर रोज निगम के आठ टैंकर भी डलते हैं फिर भी पानी की किल्लत
    शहर में महिलाओं की चिकित्सा संबंधी सुविधा के लिए बने लगभग 450 बेड की क्षमता वाले सबसे बड़े एमटीएच हॉस्पिटल में होने वाले ऑपरेशन और प्रसूति के हिसाब से हर रोज लाख से डेढ लाख लीटर पानी की खपत होती है। हॉस्पिटल में पानी की व्यवस्था के लिए 4 नलकूप 1 नर्मदा कनेक्शन है, इसके अलावा हर रोज नगर निगम के लगभग 8 टैंकर पानी डालते है। पहले सिर्फ 3 नलकूप थे। पिछले साल चौथा बोरिंग यानी नलकूप भी करवाया था, मगर गर्मी में उसकी हालत भी बाकी 3 बोरिंग की तरह हो जाती है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट के अनुसार 3 नलकूप यानी बोरिंग गर्मी शुरू होते ही सूख जाते है । नर्मदा कनेक्शन से पर्याप्त पानी नहीं मिलता। कुछ नर्सिंग स्टाफ और सफाईकर्मी या भर्ती मरीज के परिजन मतलब अटेंडर लेट-बाथ में नल या फ्लश खुला छोड़ देते है इस कारण अक्सर पानी की किल्लत बनी रहती है।

    कुप्रबंधन का शिकार…
    एमटीएच हॉस्पिटल के पहले शहर और अन्य जिले की गर्भवती महिलाओं की प्रसूति के लिए पहले एम वॉय हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता था। मगर मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते एमवायएच का गायनिक वार्ड बन्द कर 450 मेडिकल बेड का यह नया गायनिक हॉस्पिटल बनाया गया मगर कुप्रबंधन के चलते यह अस्पताल शहर सहित जिले में बदनाम हो गया है।

    इंटरनेशनल स्वीमिंगपुल में तैरने के लिए पानी ही पानी… और इलाज के लिए पानी का टोटा
    इंदौर के इंटरनेशनल स्वीमिंगपुल में तैरने के पानी ही पानी है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने यहां पानी की सुविधा के लिए नर्मदा की लाइन से सीधा आठ इंची कनेक्शन दे रखा है, जिसके चलते न केवल स्वीमिंग पुल लबालब भरा रहता है, बल्कि पानी को हर बार बदला भी जाता है, जो पानी बदला जाता है उसका भी दुरुपयोग होता है। स्वीमिंगपुल में पानी की इस सुविधा का लाभ तैराकी का आनंद उठाने के लिए लोग रहे हैं, जबकि इंदौर के एमटीएच जैसे चिकित्सालय में साढ़े 4 सौ मरीजों ेके लिए पानी की किल्लत का बहाना बनाया जा रहा है।

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