1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का पंजीयन शुरू… 81 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को लग गया दूसरा डोज भी
इंदौर। कोरोना संक्रमण (corona infection) बढऩे के साथ उसके बचाव के तरीकों पर भी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। अभी जिनोम सिक्वेंस का भी पता लगाया जा रहा है। वहीं कितने दिन तक कोरोना मरीजों में एंटीबॉडी रहती है, इसकी भी जानकारी हासिल करने के लिए सीरो सर्वे (Sero survey) करवाया जा रहा है। गत वर्ष अप्रैल में जो लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए उनमें से 150 लोगों के सेम्पल सीरो सर्वे के लिए लिए जा रहे हैं। वहीं 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन (vaccination) की अनुमति केन्द्र सरकार ने दी है, जिसके लिए पंजीयन शुरू होगा। वहीं 81 फीसदी से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों (health workers) ने दूसरा डोज भी लगवा लिया है।
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों (health workers) को कोरोना वैक्सीन लगे और 70 फीसदी ने ये वैक्सीन लगवाए, जिनको अब दूसरा डोज लगाया जा रहा है। कल 81 फीसदी तक स्वास्थ्यकर्मियों ने दूसरा बूस्टर डोज लगवा लिया, लेकिन फ्रंट लाइन वर्कर को जो पहला डोज लगना है उसमें अभी भी कम लोग पहुंच रहे हैं। अधिकारी-कर्मचारियों को ये डोज लग रहे हैं। वहीं नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार के मुताबिक 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन शुरू होना है। लिहाजा उसका भी पंजीयन शुरू होगा। वहीं गत वर्ष अप्रैल में जो कोरोना पॉजिटिव मिले थे उनमें से 150 लोगों के सैम्पल सीरो सर्वे हेतु लिए जा रहे हैं। इसमें हर श्रेणी के मरीजों को शामिल किया गया है, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि कोरोना होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों में कितने दिन तक संक्रमण से लडऩे की एंटीबॉडी मौजूद रहती है। क्योंकि विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि एक बार जो मरीज संक्रमित हो जाता है, वह कब तक दोबारा संक्रमित होने से बच सकता है। हालांकि कुछ ऐसे मरीज भी सामने आए हैं जो दूसरी बार पॉजिटिव हो गए। वहीं अब वैक्सीनेशन के बाद भी यह पता लगाया जाएगा कि इसका भी असर कब तक रहता है। दरअसल गत वर्ष मार्च के महीने से इंदौर में कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई थी और फिर अप्रैल-मई में अधिक मरीज मिले। तत्पश्चात जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई। फिर अभी नवम्बर-दिसम्बर में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई थी और फिर मरीज घटना शुरू हुए, लेकिन बीते 10 दिनों से फिर संक्रमण दर बढ़ गई है। पूर्व में सीरो सर्वे कितने मरीजों में एंटीबॉडी विकसित हुई, इसके लिए किया गया था। वहीं इस बार यह सर्वे उन कोरोना मरीजों में किया जा रहा है, जो गत वर्ष पॉजिटिव हुए। कल तक ऐसे 98 लोगों के सेम्पल लिए जा चुके थे। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया के मुताबिक 40 स्थानों पर वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। दूसरा बूस्टर डोज लगभग 85 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों ने लगवा लिया है। वहीं इंदौर में अभी तक कुल कोरोना मरीजों की संख्या का आंकड़ा 59330 हो गया है।
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