इंदौर । तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुचिरापल्ली स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) से 21 साल की MCA छात्रा लापता (Schoolgirl missing) है. उसके इंदौर (Indore) स्थित परिवार ने मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) से उसका पता लगाने की अपील की है. गायब होने से पहले छात्रा ‘पुरुषों के दबदबे वाली दुनिया की दु:खद सच्चाई’ शीर्षक से लिखा एक लेटर भी छोड़ गई है.
इंदौर निवासी नूतेश गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी ओजस्वी गुप्ता (21) एनआईटी के छात्रावास से 15 सितंबर से लापता है और उसका अब तक कोई पता नहीं चल सका है और उसका मोबाइल फोन भी बंद है.
गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला एनआईटी त्रिची के एमसीए कोर्स में 10 अगस्त को कराया था और वह पढ़ाई के लिए पहली बार अपने शहर इंदौर से बाहर गई थी. लापता होने से पहले मेरी बेटी ने पत्र भी छोड़ा, जिसमें उसने एनआईटी त्रिची में कक्षा प्रतिनिधि यानी सीआर बनने के बाद मानसिक प्रताड़ना और पढ़ाई के दबाव से जूझने का जिक्र किया है.
‘क्लासमेट ही परेशान कर रहे थे परेशान’
पिता ने पत्र के हवाले से कहा कि संभवत: सीआर बनने के बाद मेरी बेटी को उसके क्लासमेट ही परेशान कर रहे थे. मेरी मेधावी बेटी का सपना था कि उसका दाखिला एनआईटी त्रिची में हो. उसका सपना पूरा भी हो गया, लेकिन हमें कतई अहसास नहीं था कि वह इस संस्थान से महीने भर में ही लापता हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि ओजस्वी की मां और उसका भाई त्रिची जाकर तमिलनाडु पुलिस की मदद से उसे खोजने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. वह मध्यप्रदेश सरकार और इंदौर पुलिस से भी गुहार लगा चुके हैं कि उनकी बेटी को खोजा जाए.
इंदौर के पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ओजस्वी के लापता होने के मामले में त्रिची के पुलिस अफसरों से बात की है और उनसे कहा है कि लापता छात्रा को ढूंढने में इंदौर पुलिस उनकी हरसंभव मदद के लिए तैयार है.
‘पुरुषों को महिलाओं की लीडरशिप स्वीकार करवाना मुश्किल’
NIT त्रिची से MCA की लापता छात्रा ने अपने पत्र में ‘पुरुषों के दबदबे वाली दुनिया की दु:खद सच्चाई’ के शीर्षक से यह भी लिखा कि अगर कोई महिला सुंदर नहीं है, तो उसके लिए पुरुषों से अपनी बात मनवाना या अपने नेतृत्व को स्वीकार कराना वाकई बेहद मुश्किल है.
‘बढ़ता जा रहा अनहोनी का डर’
छात्रा ओजस्वी के बड़े भाई पलाश गुप्ता अपनी लापता बहन को याद करते हुए फफक-फफक कर रो पड़ते हैं. फिर अपने जज्बात पर काबू पाते हुए कहते हैं, ”हर गुजरते दिन के साथ हमारे मन में अनहोनी का डर बढ़ता जा रहा है, पर हम अब भी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि मेरी बहन जहां भी हो, सुरक्षित हो.”
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