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इंदौर: स्कूल बेच रहा अपना पाठ्यक्रम, प्रशासन ने चलाया डंडा

July 03, 2024

नोटिस की सूची में तीन और स्कूलों के नाम

मनमानी फीस वसूली के साथ अभिभावकों को पुस्तकें खरीदने और स्कूल यूनिफार्म के लिए किया जा रहा बाध्य

इंदौर। नारायणा ईटेक्नो स्कूल (Narayana Etechno School) में धड़ल्ले से अपने नाम लिखी किताबों (Books) की बिक्री की जा रही थी। जांच के दौरान कमरों में किताबों का भंडार मिला, वहीं स्कूल यूनिफार्म (Uniform) और फीस को लेकर भी उक्त स्कूल की मनमानी सामने आई है। जांच के बाद प्रशासन (Administration) ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस थमाया है। जवाब पेश होने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। नोटिस की सूची में तीन और स्कूल के नाम बताए जा रहे हैं।



प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए गठित की गई कार्यालयीन फीस समिति द्वारा स्कूलों का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। शिकायत सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने नारायण ईटेक्नो स्कूल को नोटिस थमाते हुए जवाब तलब किया है। उक्त टीम द्वारा विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय के सूचना बोर्ड पर कक्षावार किताबों एवं गणवेश की सूचना (जानकारी) दर्ज नहीं पाई गई। इसके संबंध में उपस्थित स्टाफ द्वारा संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया गया। निरीक्षण के दौरान प्रदर्शन के लिए रखी गई किताबें एवं कापियां जिन पर विद्यालय नारायणा एज्युकेशन इंस्ट्टियूट छपा पाया गया, जिसके बाद टीम ने उक्त सामग्री को पंचनामा बनाकर जब्त कर लिया।

नहीं करते नियमों का पालन
विद्यालय के द्वारा म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमयन) में दिए गए निर्देशों का एवं कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, जिला इन्दौर के आदेश का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। विद्यालय द्वारा म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमयन) अधिनियम 2018 के नियम 6 की उपनियम (घ) निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावकों को पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे एवं उपनियम (ड) विद्यालय प्रबंधन द्वारा यूनिफार्म को छोडक़र किसी भी पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम उल्लेखित नहीं किया जाएगा।

वेबसाइट पर अपलोड करें
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पहले ही स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करने एवं विद्यालयीन सार्वजनिक सूचना पटल पर चस्पा करेंगे। मान्यता नियमों के अंतर्गत स्कूल की स्वयं की वेबसाइट होना अनिवार्य है। स्कूल के प्राचार्य संचालक पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना होगी एवं नोटबुक, कॉपी पर ग्रेड किस्म, साइज, मूल्य पृष्ठ संख्या स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए। किसी भी पुस्तक, नोटबुक, कॉपी अथवा इन पर चढ़ाए जाने वाले कवर पर विद्यालय का नाम मुद्रित नहीं किया जाएगा, का स्पष्ट निर्देश प्रसारित किया गया है। उसके बावजूद भी विद्यालय द्वारा शासन एवं प्रशासन द्वारा दिए गए समस्त निर्देशों का उल्लघंन किया जा रहा है।

प्राचार्य नहीं दे पाईं जवाब
स्कूल का नाम छपी कॉपी-किताबों के संबंध में प्राचार्य विद्या एस. नायर से जवाब चाहा गया, लेकिन वह संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पाईं। उनके द्वारा टीम को जानकारी दी गई है कि विद्यालय की यूनिफार्म एवं किताबों के लिए विद्यार्थियों से ऑनलाइन पेमेंट एंप के माध्यम से लिया जाता है। इसके बाद पूरे स्कूल की जांच में विद्यालय के एक कमरे में काफी मात्रा में इसी नाम की मुद्रित अध्ययन सामग्री रखी हुई मिली। उक्त स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी तरह के तीन और स्कूल सूची में शामिल हैं, जिसमें से एक ज्ञान डेकोरम स्कूल में भी भारी अनियमिता पाई गई है। यहां भी जल्द नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी।

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