- 27 लोगों के खिलाफ पुलिस ने बनाए थे आपराधिक प्रकरण, ईडी ने भी कर डाली कार्रवाई
- कलेक्टर-एसपी पर 50 हजार जुर्माने के साथ दायर की गई एफआईआर ही शून्य घोषित
इंदौर। हाईकोर्ट (High Court) की इंदौर (Indore) बेंच ने धार के बहुचर्चित सेंट टेरेसा जमीन घोटाले (st teresa land scam) को ही फर्जी करार दिया है, जिसमें 250 करोड़ रुपए (Rs 250 crore) का घोटाला बताते हुए तत्कालीन कलेक्टर-एसपी (Collector-SP) व अन्य आला अधिकारियों ने 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवा दी थी, जिसमें कुछ लोग जेल गए तो कुछ लोगों को फरारी काटना पड़ी। ईडी ने भी इस मामले में कार्रवाई की थी, मगर अब हाईकोर्ट ने कलेक्टर-एसपी द्वारा की गई कार्रवाई की न सिर्फ निंदा की, बल्कि 50 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंक दिया और एफआईआर को भी शून्य व अमान्य घोषित कर दिया। मगजपुरा स्थित यह जमीन महाराजा पंवार ने महिला अस्पताल और डॉक्टरों के बंगले के लिए दान में दी थी। लगभग 10 एकड़ इस जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए कई लोगों को बेच दिया गया था।
शासन और राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते कई मर्तबा सरकारी मशीनरी मनमानी कार्रवाई कर देती है, जिसके कई उदाहरण लगातार सामने आते रहे हैं। खासकर सीबीआई और ईडी द्वारा की गई कार्रवाई भी कठघरे में खड़ी की जाती रही है। इसी तरह का मामला सेंट टेरेसा जमीन का सामने आया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कुछ समय पूर्व कार्रवाई की थी, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के यहां छापे भी मारे गए। दरअसल, सर्वे नंबर 29 मगजपुरा की जमीन सेंट टेरेसा के नाम पर दर्ज है और महू के पांदा निवासी की शिकायत पर 3 साल पहले धार पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली, जिसमें मुख्य आरोपी सुधीर जैन और उनके परिवार के लोग थे, जिन पर 250 करोड़ रुपए की जमीन को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया गया। सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक इस जमीन की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपए थी, जिसे शासन-प्रशासन ने 250 करोड़ रुपए कीमत की बताकर खूब सुर्खियां भी बटोरी और इसी तर्ज पर अन्य भू-घोटालों की जांच की मांग भी की। जबकि जिस व्यक्ति जयसिंह ठाकुर ने उक्त फर्जी शिकायत की, उसके खिलाफ भी कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। बावजूद इसके तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने एफआईआर दर्ज कराते हुए कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की। तत्पश्चात याचिकाकर्ता आयुषी जैन और सरिता जैन ने इंदौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से अभी 14 पेज का एक फैसला आया, जिसमें आला अफसरों द्वारा की गई इस कार्रवाई की निंदा करते हुए उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंक दिया और एफआईआर को शून्य और अमान्य घोषित किया गया। यानी 250 करोड़ का जो भू-घोटाला पुलिस-प्रशासन ने बताया वह पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ। दरअसल, राजस्व रिकॉर्ड में सेंट टेरेसा की उक्त जमीन सर्वे नंबर 29, मगजपुरा के नाम से दर्ज है, जो 19 अगस्त 1895 को धार स्टेट के महाराजा आनंदराव पंवार ने महिला अस्पताल और चिकित्सकों के बंगलों के लिए दान की थी। बाद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस जमीन को बेचने की शिकायत की गई, जिस पर कोतवाली पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और बाद में फिर ईडी ने भी अपनी जांच शुरू की।