इंदौर । देश के सबसे साफ स्वच्छ शहर इंदौर (Indore) में स्मार्ट सिटी (smart City) के नाम पर कई कार्य किए जा रहे हैं. उसी के चलते सड़कों पर फल का व्यापार करने वाले व्यापारियों (traders) को हटा कर उन्हें दूसरी जगह आवंटित कर दी गई थी लेकिन नगर निगम (municipal Corporation) को फुटकर व्यापारियों का विरोध झेलना पड़ रहा है. फुटकर व्यापारी सड़कों पर उतर कर निगम के द्वारा किए गए इस कार्य का विरोध कर निगम के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन किया गया. इंदौर के पाटनीपुरा चौराहे पर सड़कों पर ठेला लगाकर फल बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करने वाले व्यापारियों द्वारा गुरुवार को अपने ठेले पर निगम के खिलाफ तख्तियां लगाकर अपने बच्चों सहित अनोखा विरोध प्रदर्शन किया गया.
क्या कहना है व्यापारियों का?
व्यापारी मुकेश ठाकुर का कहना है कि उन्हें इसी स्थान पर व्यापार करने दिया जाए जहां उनकी तीन पुस्तें व्यापार करती आ रही हैं. क्योंकि सरकार ने उन्हें जिस जगह रेहड़ी लगाने के लिए स्थान दिया है उस स्थान पर कोई कस्टमर खरीदी के लिए नहीं आता है. इस वजह से उनका व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. यही वजह है कि आज उन पर हजारों रुपए का कर्ज हो चुका है. जिसके कारण परिवार का भरण-पोषण कर पाना दुश्वार हो चुका है. वहीं व्यापारी का कहना है कि वो बच्चों के स्कूल की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं जिसके कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
वहीं ठेले पर प्रदर्शन में शामिल 10 वर्षीय प्रतिज्ञा मंझे ने बताया कि स्कूल की फीस जमा नहीं होने के कारण वह स्कूल नहीं जा पा रही है. यही वजह है कि उसे भी रेहड़ी व्यापारियों के द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए मजबूर होना पड़ गया. वह पढ-लिख कर आईपीएस अफसर बनना चाहती है और जब वो आईपीएस अफसर बन जायेगी तो सभी की रेडी लगावा कर उन्हें व्यापार करने देगी.
गौरबतल है कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जहां एक ओर व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नाइट कल्चर की शुरुआत की गई है. वहीं प्रशासन ने स्मार्ट सिटी के नाम पर छोटे और मंजुले रेहड़ी वालों को ऐसी जगह स्थान मुहिया करवा दिया है जहां उनका व्यापार पूरी तरह बदहाल हो चुका है. यही कारण है कि रेहड़ी लगाकर फल-सब्जियां बेचने वाले व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर विरोध दर्ज करवाया है.
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