इंदौर। मंडी में खड़ी कराई के नाम पर होने वाली वसूली को लेकर आज से ट्रंासपोर्टरों ने आलू-प्याज का ट्रांसपोर्ट बंद कर दिया है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि भाड़े के अलावा 3 से 4 हजार रुपए ऊपरी वसूली की जाती है, जिससे अब माल लाना ले जाना मुश्किल हो रहा है। व्यापारियों ने चेतावानी दी कि जब तक अवैध वसूली बंद नहीं होगी तब तक आलू-प्याज का परिवहन बंद रहेगा। फिलहाल हरी सब्जी की छोटी-छोटी गाडिय़ों को छूट दी गई है।
औद्योगिक क्षेत्रों में खड़ी कराई का विवाद बहुत पुराना है, लेकिन अब चोइथराम सब्जी मंडी में भी भाड़े के अलावा अन्य वसूली को लेकर ट्रांसपोर्टर एकसाथ हो गए हैं। कल ट्रांसपोर्टरों ने इसके लिए मीटिंग की थी और सब्जी का परिवहन बंद करने की चेतावनी दी थी। इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने आज मंडी में आलू-प्याज की नीलामी के बाद माल को गोदामों और व्यापारियों तक पहुंचाने पर रोक लगा दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सी.एल. मुकाती ने कहा कि हमने कल ही इस संबंध में व्यापारियों को अवगत करा दिया था और आज से आलू-प्याज का परिवहन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। आज से हम यहां से आलू-प्याज नहीं उठाएंगे। फिलहाल हरी सब्जी का परिवहन जारी रहेगा। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाएगी, तब तक माल नहीं उठाया जाएगा।
ऐसा है वसूली का गणित
ट्रांसपोर्टरों के अनुसार जो भाड़ा तय होता है, उसके ऊपर भी हमें कई तरह के खर्चे देना होते हैं। मान लीजिए कोई गाड़ी 50 हजार रुपए में लखनऊ के लिए भरी गई तो इस पर 70 रुपए टन की हम्माली लगी। इसके बाद 700 रुपए प्रति टन के हिसाब से गाड़ी के नाम पर वसूली की गई। यही नहीं व्यापारी भी 400 रुपए प्रति ट्रक गद्दी के लेते हैं और व्यापारी का मुनीम जो कागज बनाता है, वह भी 200 रुपए प्रति गाड़ी लेता है। ये पैसा ट्रांसपोर्टरों को भुगतना पड़ता है और उसके अलावा रास्ते के अन्य खर्चे भी ट्रांसपोर्टरों को ही देना पड़ते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved