इंदौर। इंदौर (Indore) के दो अलग अलग मामलों में पुलिस (Police) कर्मियों की नयी पोस्टिंग (new posting) चर्चा का विषय बनी हुई है. इन दो मामलों में एक इंस्पेक्टर सहित 5 पुलिस कर्मचारियों (5 police personnel including an inspector) को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन हफ्ते भर में ही सबको न सिर्फ बहाल कर दिया गया बल्कि सबको A +ग्रेड थाने में पोस्टिंग का इनाम मिल गया है।
गोविंद मालू से धक्का मुक्की
भाजपा नेता गोविन्द मालू के साथ बदसलूकी के आरोप में सब इंस्पेक्टर माधो सिंह कुशवाह को निलंबित कर दिया गया था. दूसरे केस में लसूड़िया थाने की हवालात से एक संदिग्ध चेन स्नैचर भाग गया था. इस मामले में लापरवाही बरतने पर चार पुलिस कर्मियों पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अटैच कर दिया गया था.अब एक सप्ताह के भीतर ही पुलिस अधीक्षक ने इन चारों पुलिस कर्मियों को शहर के A ग्रेड के मलाई दार थाने में पोस्टिंग दे दी है. विभाग के अंदर खाने में यह चर्चा आम है कि सजा में भी इनाम छुपा है।
पहला वाकया
पहला वाकया इंदौर में आयोजित हुई जनआशीर्वाद यात्रा का है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यात्रा के दौरान एक टीकाकरण केंद्र का निरीक्षण तय था. इस केंद्र में भाजपा नेता गोविन्द मालू जब प्रवेश कर रहे थे, उसी वक़्त गेट पर तैनात सब इंस्पेक्टर कुशवाह ने मालू को रोक लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की तक हुई. शायद पुलिस कर्मी उन्हें पहचानता नहीं था. पूरे घटना क्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया था. पुलिस के बड़े अधिकारी इस पर नाराज हुए थे और भाजपा नेताओ को संतुष्ट करने के लिए सब इंस्पेक्टर माधो सिंह कुशवाह को निलंबित कर दिया गया था. कुछ अन्य पुलिस जवानों को लाइन अटैच किया गया।
दूसरा मामला
दूसरा मामला इंदौर के बाणगंगा थाना इलाके का है. यहां कुछ समय पहले चेन लूट के मामले में लकी नामक बदमाश को हिरासत में लिया था. बाद में वो हिरासत में से भाग गया था. पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पहुंचे और सीसीटीव्ही खंगाले तो पता चला कि उसमें पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आयी. उसके बाद चार पुलिस कर्मियों को थाने से हटाकर एसपी ऑफिस अटैच कर दिया गया था. पूरा घटनाक्रम रविवार का था. लेकिन एक सप्ताह के भीतर ही दोषी पुलिस कर्मियों को लसूड़िया थाने पर पदस्थ कर दिया गया. जबकि उस मामले की जांच भी पूरी नहीं हुई है।
निलंबन खत्म कर A + ग्रेड थाने में पोस्टिंग
भाजपा नेता से बदसलूकी और बाणगंगा थाने के चारों पुलिस कर्मियों को लसूड़िया थाने भेज दिया गया है. यह दोनों ही थाने शहर के A + ग्रेड के थाने माने जाते हैं. पुलिस विभाग में छोटी गलती पर बड़ी सजा पाने वाले जरूर प्रसन्न नजर आ रहे हैं. उनका दावा है जब फील्ड में तैनात रहते हैं तो कई गलतियां होती हैं. कानून व्यवस्था बनाये रखने में कभी सख्ती करनी होती ही है, लिहाजा छोटी गलती को नजरअंदाज करने से स्टाफ का मनोबल बढ़ता है. पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के मुताबिक़ तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है. दोनों ही बड़े थाने हैं वहा बल की आवश्यकता है. इस लिहाज से बल को तैनात किया गया है।
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