इंदौर। एक तरफ पुलिस खुद को हाईटैक और चुस्त-दुरुस्त बताती है, दूसरी तरफ आदिवासी क्षेत्रों से आने वाले डकैत वारदात कर गायब हो जाते हैं और सांप गुजर जाने के बाद लकीर पीटती इंदौर पुलिस सडक़ों पर उतरकर आम जनता की जामतलाशी यानी चैकिंग करने में जट जाती है। कल रात पुलिस कमीश्रर राकेश गुप्ता सहित आला अधिकारी सडक़ों पर उतरे और बकायदा सोशल मीडिया पर भी इसका हल्ला मचा कि पुलिस हरकत में आई और कप्तान ने खुद मैदान संभाला और सख्ती से चैकिंग की जा रही है। पता चला कि कार की डिक्की खुलवाकर पुलिस जांच कर रही है, तो दुपहिया वाहन पर जाने वाले की पीठ पर टंगे झोले को कुलवाकर देखा जा रहा है।
वहीं ऑटो श्रिाा में बैठी सवारी की भी चैकिंग की गई। हालांकि समय-समय पर इस तरह की चैकिंग जरूरी और अच्छी भी है। मगर जब भी कहीं कोई बड़ी आपराधिक घटना या वारदात होती है तब पुलिस इसी तरह आम जनता की जांच-पड़ताल करने सडक़ों पर उतर जाती है। कल रात १ बजे तक साढ़े ५०० से अधिक जवान सडक़ों पर थे और उनके हाथ आए नशे में वाहन चलाने वाले, तो कुछ अन्य संदिग्ध और तीन सवारी करते दुपहिया के कुछ चालक। दूसरी तरफ लंदन विला डकैती का सुराग मिलने का दावा पुलिस ने किया है और कहा है कि जल्द ही वह इसमें लिप्त गैंग को पकड़ लेगी। हालांकि एक पखवाड़े में ही चोरी और डकैतीकी आधा दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं और कल भी जब पुलिस सडक़ों पर वाहनों की चैकिंग में व्यस्त थी, उसी दौरान लसुडिय़ा में एक फार्मा कम्पनी के एरिया मैनेजर से लेकर खजराना के भी एक व्यापारी के घर ताले टूटे और चोर घुस आए। इंडियन ऑइल के मैनेजर लंदन विला में हुई डकैती के वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए, जिसे देखकर आम जनता में डर तो है। साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि इंदौर की आबादी लगातार बढ़ रही है, उसकी तुलना में अफसरों की तो फौज इक_ी हो गई, मगर थानों पर बल और साधन-संसाधन कम है।
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