इन्दौर। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने कल तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी पराक्रमसिंह चंद्रावत के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया। छापे के दौरान घर से मिली हजारों की महंगी शराब के चलते लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने विजयनगर थाने में चंद्रावत के खिलाफ आबकारी एक्ट (Excise Ac) के तहत केस दर्ज करवाया था। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने तो इस मामले में चालान पेश कर दिया, लेकिन विजयनगर पुलिस ( Vijay Nagar Police) चालान पेश करना भूल गई। छह माह में उसे चालान पेश करना था। इसके चलते केस के बाद यहां तैनात हुए तीन से अधिक टीआई को विभागीय जांच झेलना पड़ेगी।
तीन साल पहले लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी पराक्रमसिंह चंद्रावत ( District Excise Officer Parakram Singh Chandrawat) के यहां छापे की कार्रवाई की थी। इस दौरान उनकी करोड़ों की संपत्ति (Property) का खुलासा किया था। महंगी गाडिय़ां, मकान, जमीन के अलावा उसके घर से 50 के लगभग महंगी शराब की बोतलें मिली थीं। इसके चलते लोकायुक्त ने चंद्रावत और उसकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (Property) का केस दर्ज किया था। शराब के मामले में लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने विजयनगर पुलिस ( Vijay Nagar Police) को मौके पर बुलाया और विजयनगर थाने में आबकारी एक्ट (Excise Ac) की धाराओं में केस दर्ज कर शराब विजयनगर पुलिस ( Vijay Nagar Police) को सांैप दी थी। इस मामले में पुलिस को कलेक्टर से अनुमति लेकर चालान पेश करना था, लेकिन उसने छह माह बाद भी पुलिस इस मामले में चालान पेश नहीं किया। इसके चलते तीन साल में यहां पदस्थ रहे तीन टीआई को अब विभागीय जांच झेलना पड़ेगी।
तीन साल बाद चालान पेश
कल लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने इस मामले में तीन साल बाद कोर्ट में चालान पेश किया है। इसमें बताया गया है कि चंद्रावत ने आय से 43 प्रतिशत अधिक संपत्ति (Property) अर्जित की थी, जो लगभग तीन करोड़ रुपए है। इस मामले में कोर्ट ने चंद्रावत को जेल भेज दिया है, जबकि उसकी पत्नी को जमानत दे दी।
पैतृक संपत्ति शामिल नहीं
लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार जांच में चंद्रावत की 11 करोड़ से अधिक की संपत्ति (Property) का खुलासा हुआ था। इसमें से सात करोड़ की संपत्ति उसने नियम अनुसार कमाई, जबकि तीन करोड़ की संपत्ति (Property) अवैध रूप से कमाई। हालांकि इन संपत्तियों (Property) को वर्तमान मूल्य कई गुना अधिक है। वहीं लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने उसकी पैतृक संपत्ति को जांच में शामिल नहीं किया है, जो उसके गांव कालूखेड़ा में थी और उसकी मां के नाम से थी।
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